तीन तलाक बिल मंगलवार को राज्यसभा में भी पास हो गया है. बिल पास होने के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला के बीच ट्विटर पर जबरदस्त जंग छिड़ गई. उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी पर एनडीए का समर्थन करने का इल्जाम लगाया. हालांकि, इस विवाद की शुरुआत जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के एक ट्वीट से हुई.
दरअसल, ट्रिपल तलाक बिल पारित होने के बाद महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट में लिखा कि, “तीन तलाक बिल को पास कराने की आवश्यकता को समझने में नाकाम हूं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इसे अवैध करार दे चुका था. मुस्लिम समुदाय को दंडित करने के लिए यह अनावश्यक दखल है.” इस पर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती को जवाब देते हुए कहा कि, “महबूबा मुफ्ती जी, आप को यह चेक करना चाहिए कि इस ट्वीट से पहले आपके सदस्यों ने इस बिल के लिए कैसे वोट किया. मुझे लगता है कि उन्होंने सदन में गैरमौजूद रहकर सरकार की सहायता की क्योंकि बिल पास कराने के लिए उन्हें सदन में संख्या चाहिए थी.”
उमर के इस तंज के बाद महबूबा मुफ्ती ने भी तीखा पलटवार किया. मुफ़्ती ने एक ट्वीट में कहा कि, “उमर साहब, मेरा सुझाव है कि आप नैतिकता का ऊंचा पाठ पढ़ाना बंद कर दीजिए क्योंकि यह आपकी अपनी ही पार्टी थी जिसने 1999 में भाजपा के विरुद्ध मतदान करने के लिए सोज साहब (सैफुद्दीन सोज) को पार्टी से बाहर कर दिया था.” इस पर अब्दुल्ला ने फिर जवाब दिया कि, “मैडम, अगर 20 वर्ष पुरानी घटना को याद करके आप पीडीपी के छल का बचाव कर सकती हैं तो बेशक कीजिए? इसलिए आप स्वीकार कर रही है कि आपने अपने सांसदों को सदन से अनुपस्थित रहने का निर्देश दिया था और इस गैर-मौजूदगी ने इस बार भाजपा की सहायता की.”