उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में जहां सियासी दल दो समुदाय को अलग-अलग बांट कर वोट लूटने का काम करते हैं. वहीं इन दिनों सावन के पावन माह में चल रही कांवड़ यात्रा में अनोखा दृश्य देखने को मिला, जहां एक मुस्लिम युवक ने साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का उदहारण पेश किया है.

बागपत जिले के इंछोड का निवासी मुस्लिम युवक बाबू खान नाम का एक शख्स हरिद्वार से कांवड़ ला रहा है, जो कि बागपत में गांव के शिव मंदिर में भगवान भोले नाथ को जलाभिषेक करेगा. बाबू खान कि ये दूसरी कांवड़ यात्रा है और वह ये कांवड़ भाईचारे और सौहार्द का सन्देश देने के लिए ला रहे हैं. बाबू खान ने बताया है कि वह मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है. बाबू खान का कहना है कि 15 अगस्त 1947 में यह देश स्वतंत्र हुआ था और आज जब हिंदुस्तान आजाद है तो बाबू खान भी अपने दिल का आजाद है. बाबू खान कहता है इमान इधर गीता है इधर कुरान और सब मजहब को एक समझकर सन् 2018 में भोले की कावड़ उठाई थी और अब 2019 में भोले के कहने से पार्वती की कावड़ ला रहा हूं और जोड़ा बना रहा हूं.
उनके धर्म इस्लाम धर्म में कावड़ जायज नहीं है. बाबू खान जो कावड़ ला रहा है वह भाईचारे और सौहार्द का संदेश देने के लिए ऐसा कर रहा है. जो मेरे सामने जातिवाद की बात करेगा, वह मेरा पक्का शत्रु है. बाबू खान ग्राम इंछोड जिला बागपत का निवासी है और वह हरिद्वार से यह दूसरी बार कांवड़ ला रहा है. कांवड़ यात्रा पर बात करते हुए बाबू खान ने कहा कि ‘मैं दो बार कांवड़ लेकर आया हूं और देश में आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश देना चाहता हूं.’
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal