अमेरिका और तुर्की के बीच रूस से एस- 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के फैसले को लेकर तनाव जारी है. इस बीच भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से एस-400 को लेकर बड़ा बयान दिया है. लोकसभा में एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली पर पूछे गए सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि, ‘5 अक्टूबर, 2018 को भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली को लेकर समझौता किया था. उन्होंने आगे कहा कि साल 2023 से भारत को एस-400 की डिलीवरी होनी शुरू हो जाएगी.
अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने के लिए भारत और रूस एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद पर तोड़ निकालने में जुटे हैं. इसी के चलते दोनों देशों के बीच पांच अरब के रक्षा सौदे के लिए अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं के जरिये भुगतान करने पर सहमति बनी है. सूत्रों के मुताबिक रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली एस-400 की पहली किस्त इसी व्यवस्था के तहत भुगतान की जाएगी. मॉस्को के अधिकारी ने कहा कि अब भारत और रूस में रक्षा सौदे का भुगतान रूसी मुद्रा रूबल और भारतीय मुद्रा रुपये में करना तय किया गया है. हालांकि, डॉलर से भुगतान करने का रास्ता भी खुला रहेगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अमेरिका द्वारा धमकी दिए जाने के बावजूद भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. राजनयिक सूत्रों ने कहा कि रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए अमेरिकी प्रतिबंध से छूट की शर्तों को भारत पूरा करता है. इस मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन के पास हमारे हित में छूट देने का पर्याप्त मौका है.