नई दिल्ली: मैकेनिकल इंजीनियरिंग के एक छात्र ने एक ऐसी तकनीक का इजाद किया है जिससे रेल फाटक हादसों पर लगाम लगाया जा सकेगा। तमिलनाडु के करूर जिले के रहने वाले गोपीनाथन. एस. ने ‘अस्कार सिस्टम’ नामक तकनीक का आविष्कार किया है।
उन्होंने इस तकनीक की झांकी यहां अतर्राष्ट्रीय विज्ञान मेले में दिखाई। देश में रेल फाटकों पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। गोपीनाथन ने कहा कि इस तकनीक से इन हादसों को रोका जा सकता है।
गोपीनाथन के मुताबिक, ऑटोनोमस सिस्टम फॉर कंट्रोलिंग एक्सीडेंट्स इन रेलवे क्रासिंग (अस्कार) देश का पहला मानव-रहित रेलवे क्रासिंग फाटक सिस्टम होगा जो बैटरी चालित होगा। रेल की पटरियों पर डीसी मोटर लगाए जाएंगे जो तीन-तीन खम्भों से जुड़े होंगे।
जब ट्रेन फाटक से एक निश्चित दूरी पर होगी तब खम्भों में लगा अलार्म एक्टिवेट हो जाएगा। अलार्म बजते ही फाटक धीरे-धीरे बंद हो जाएगा। जब ट्रेन स्टेशन प्लेटफॉर्म को छोड़ेगी तब पटरी के दूसरी छोर पर लगे मोटर के सिग्नल से फाटक खुल जाएगा।
एक सिस्टम को इन्स्टॉल करने की लागत एक लाख रुपये से भी कम है और रख-रखाव की कोई परेशानी नहीं है क्योंकि ये मानव रहित है। हमें इस सिस्टम को जल्द से जल्द प्रयोग में लाना होगा ताकि रेल हादसों में कमी आए और लोग सुरक्षित रहें।”
गोपीनाथन ने कहा, “मुझे मालूम नहीं था कि मेरा ये प्रोजेक्ट विज्ञान मेले (आईआईएसएफ) में चयनित होगा। मेरे एक मित्र ने मेरी काफी मदद की। उन्होंने मुझे आने के पैसे दिए और बाकी सारा इंतजाम किया। मैं अपना कॉलेज खत्म करने के बाद घर पर खेती करना चाहता था। जब पता चला कि अस्कार को सेलेक्ट किया गया है, मैं यहां आ गया। मैंने सोचा नहीं था कि मुझे ये मौका मिलेगा। मैं चाहता हूं कि मेरी ये तकनीक भारत में रेलवे का भविष्य बने और आम लोग सुरक्षित रहें।”