नई दिल्ली ॐ तीन अक्षर से बना एक शब्द है ओ उ म। ओ का अर्थ आन्तरिक ऊर्जा से है – उ का अर्थ उच्चता को प्राप्त करना – म का अर्थ मौन रहकर ब्रम्हांड में लीन होना।
ॐ हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा प्रतीक है। ॐ जाप करके भगवान शिव साधना करते है, राक्षस शिव का आव्हान करते हैं और ऋषि मुनि ॐ के साथ मन्त्र का उच्चारण करते है। आखिर ऐसा कुछ तो खास होगा इस शब्द में, जो भगवान, राक्षस, ऋषि, साधू, संत, ज्ञानी, इंसान और कई जगह तो नदी, पत्थर , पहाड़ और जल से भी ॐ जाप सुनाई देता है।
ॐ जाप में इतनी क्या ताकत होगी कि प्रकृति का हर जीव ॐ जाप करते है। इस शब्द में कुछ तो ऐसी महाशक्ति है कि सृष्टी की हर वस्तु इसका उच्चारण करती है। ॐ जाप की धार्मिक विशेषता, वास्तविकता व उच्च मुल्यता का हमे पूर्ण ज्ञान तो नहीं, लेकिन इस शब्द के शारीरक फायदे हमे पता है जिससे जानने के बाद आप भी ॐ जाप करना शुरू कर देंगे।
तो आइये जानते है क्या फायदे है ॐ जाप के –
ॐ जाप से गले में कंपन व तरंगे उत्त्पन होती है, जिसका शरीर के आंतरिक अंगों और थायराइड पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और शरीर आंतरिक रूप से मजबूत होने लगता है।
ॐ जाप से जो ध्वनि और तरंगे उत्पन्न होती है, जिससे रक्त का प्रवाह शरीर के हर भाग में संतुलित तरीके से होता है।
ॐ के उच्चारण से पाचन तंत्र में जो तरंगे पहुंचती है, वह पाचन तंत्र को क्रियाशील और स्वास्थ्य बनाती है।
ॐ शरीर को थकान मुक्त कर स्फूर्ति से भरता है, जिससे शरीर, मन व हृदय को अंदर से शक्ति मिलती है।
ॐ मन को मानसिक तनाव और बुरे विचार से मुक्त करता है, जिससे मन मजबूत होने लगता है और इच्छाओं पर नियंत्रण रहने लगता है।
ॐ की कंपन व तरंग फेफड़ों को स्वास्थ्य और मजबूत बनाती है और रोग मुक्त रखती है।
ॐ उच्चारण करते ही हमे सही स्थिति और आसन में बैठने के संकेत दिमाग में जाता है।
ॐ हमारी कल्पना शक्ति को वास्तविक रूप देता है।
आसन अवस्था में ॐ जाप करने से सारी हड्डियाँ एक विशेष अवस्था में स्थिर हो जाती है हड्डियों को मजबूती मिलती है।
ॐ शरीर को आंतरिक रूप से इतना मजबूत कर देता है कि हम हर भय से मुक्त हो जाते है।
ॐ का उच्चारण हमारी ज्ञानेन्द्रियों को इतना मजबूत कर देता है कि आत्मा शरीर से अलग होकर जीते जी ब्रम्हाण में विलीन होने लगाती है।
ॐ जाप शरीर को मजबूत, हल्का, ऊर्जावान, स्वास्थ्य, रोगमुक्त करता है. उसके साथ साथ दिमाग को विकसित, ज्ञानवान, तनावमुक्त, स्थिर, एकाग्र करता है. ह्रदय को प्रसन्न, उत्साहित, स्वास्थ्य और एहसास मुक्त करता है – जिसके कारण हम दुनिया की तकलीफ, बेकार की परेशानी और समस्याओं में नहीं उलज्ते।