श्रीविद्या ने आगे कहा कि ये बदलाव एनआरआई लोगों के लिए अच्छे अवसर होने का संकेत करते हैं क्योंकि कई बिल्डर पहले से ही 100 फीसदी पारदर्शी नीति या चेक भुगतान को अमल में ला रहे हैं। यह कदम स्पष्ट तौर पर खरीदार व विक्रेता के बीच विश्वास को बढ़ाता है। रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा) का क्रियान्वयन भी रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रोफेशनलिज्म, मानकीकरण और पारदर्शिता लाने में मददगार है। इस कदम ने नोटबंदी की ताजा लहर के साथ भारतीय रियल्टी उद्योग को और पारदर्शी और खरीदार हितैषी बनने में मदद की है।
भारत में प्रॉपर्टी खरीदने का यह बिल्कुल सही समय
भारत में नोटबंदी के बाद का यह समय संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रह रहे एनआरआई लोगों के लिए भारत में प्रॉपर्टी में निवेश के लिए बिल्कुल सही अवसर है। यह बात दुबई में चल रहे इंडियन प्रॉपर्टी शो में कही गई। इस तीन दिवसीय आयोजन में पूरे भारत से शीर्ष रियल एस्टेट डेवलपर्स भाग ले रहे हैं और एनआरआई लोगों के बजट के अनुरूप विभिन्न प्रकार की हजारों प्रॉपर्टियों जैसे अपार्टमेंट्स, विला, रॉ हाउसेज, प्लॉट, व्यावसायिक से लेकर रिटेल प्रॉपर्टियों आदि का प्रदर्शन किया जा रहा है।
सुमांसा एक्जीबीशंस में इंडियन प्रॉपर्टी शो के जनरल मैनेजर (कारपोरेट सेल्स व ब्रांड इंगेजमेंट) आर श्रीविद्या ने कहा कि यूएई में रह रहे एनआरआई के लिए यह शो एक रियल एस्टेट प्रदर्शनी से कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि भारत में रियल एस्टेट में आए ताजा बदलावों और अपडेट के कारण यह घर लेने का बिल्कुल सही अवसर है। हम ऐसे कई महत्वपूर्ण उपाय देख रहे हैं, जिन्होंने रियल्टी उद्योग को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित किया है।
रेरा विधेयक आने से एनआरआई ग्राहकों को अब पजेशन में देरी, ऊपर-नीचे होती कीमतों और अन्य परियोजनाओं में पूंजी लगाए जाने जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस वजह से उनका भारतीय डेवलपर्स और देश के रियल एस्टेट क्षेत्र में विश्वास बढ़ रहा है।