इंजीनियरिंग छात्रों ने कमाल कर दिखाया है। इन सभी ने पहले तो एक स्टार्टअप कंपनी स्थापित की ओर फिर इस कंपनी के जरिए एक ऐसा थ्रीडी प्रिंटर विकसित किया जो अब देश में अंतरिक्षक अनुसंधान और विकास के काम में आ रहा है। टेकबी कंपनी के बनाए टेरेक्स नामके थ्री-डी प्रिंटर की विशेषताओं को देखते हुए इसरो सहित कई अन्य संस्थान अब इन्हें इस प्रिंटर का ऑर्डर दे रहे हैं। चार लाख स्र्पये की शुरूआती लागत से महज 6 महीने पहले खड़ी की गई यह कंपनी महज दो वर्षों में छह करोड़ स्र्पये के टर्न ओवर तक पहुंच गई है। छह लोगों से शुरू हुई यह कंपनी अब सैकड़ों लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रही है।

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