जब इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग को हुई तो उसने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। आयोग का कहना है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर परीक्षा कार्यक्रम उसके परामर्श के बाद ही घोषित होना चाहिए। आयोग ने फिलहाल आज जारी परीक्षा कार्यक्रम को रोकने के निर्देश देते हुए अफसरों को दिल्ली तलब कर लिया माना जा रहा है कि आयोग से विचार-विमर्श के बाद ही बोर्ड के परीक्षा कार्यक्रम जारी होगा।
पांचों राज्यों में एक साथ होने हैं चुनाव
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर व पंजाब में 2017 में चुनाव होने हैं। इनमें गोवा, मणिपुर व पंजाब में 18 मार्च से पहले चुनाव होने हैं। उत्तराखंड में 26 मार्च से पहले चुनाव कराए जाने हैं। जबकि यूपी में 27 मई से पहले चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग 2012 की तरह 2017 में भी एक साथ पांचों राज्यों का चुनाव कराना चाहता है। बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम पर रोक के बाद माना जा रहा है कि आयोग जल्द ही चुनाव का एलान कर सकता है।
दूसरे चरण का मतदान 11 फरवरी, तीसरे चरण का 15 फरवरी, चौथे चरण का 19 फरवरी , पांचवें चरण का 23 फरवरी, छठे चरण का 28 फरवरी व सातवें चरण का मतदान तीन मार्च को हुआ था। चुनाव आयोग इसी तरह का कार्यक्रम 2017 के चुनाव में भी रखना चाह रहा है। यदि फरवरी व मार्च में बोर्ड परीक्षाएं होंगी तो चुनाव कराने में दिक्कत आ सकती है।