चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और अन्य पक्षकारों को मतदान के दिन और इससे एक दिन पहले अप्रमाणित विज्ञापनों के प्रकाशन पर शनिवार को रोक लगा दी है. 
आयोग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार यह प्रतिबंध लोकसभा चुनाव के सभी सात चरणों में लागू होगा. इस अवधि में आयोग द्वारा गठित स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा प्रमाणित विज्ञापनों का ही प्रकाशन हो सकेगा.
निर्देश में कहा गया है कि मतदाताओं को भ्रम में डालने वाले और विरोधी उम्मीदवारों के बारे में अनर्गल प्रचार करने वाले विज्ञापन मतदान से ठीक पहले जारी करने की बात संज्ञान में आने पर आयोग ने अप्रमाणित विज्ञापनों पर रोक लगाने का फैसला किया है.
आयोग ने कहा कि इससे समूची चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होने की आशंका होती है. चुनाव से ठीक पहले भ्रामक और मानहानिकारक विज्ञापनों के प्रकाशन के बाद न तो आरोपी पक्ष के पास इन्हें वापस लेने का कोई विकल्प होता है ना ही पीड़ित पक्षकार की क्षतिपूर्ति का कोई उपाय किया जा सकता है. मौजूदा परिस्थिति में सिर्फ मतदान से 48 घंटे पहले की अवधि में सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर चुनाव प्रचार प्रतिबंधित है.
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