मानवाधिकारों और प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़े सात समूहों ने सऊदी अरब में चल रहे पत्रकार जमाल खशोगी मामले में जानकारी देने और पारदर्शिता बरतने की मांग की है. उन्होंने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र, ब्रिटेन और फ्रांस से सार्वजनिक रूप से खुलकर बोलने का आग्रह किया. इस मामले में 11 लोगों पर आरोप लगाए गए हैं.
समूहों ने शुक्रवार को तीन देशों के विदेश मंत्रियों को लिखे पत्रों में कहा कि इस मामले में पारदर्शिता और जानकारी देने से कुछ हद तक यह पता चल सकेगा कि मामले की जांच निष्पक्षता से हो रही है या नहीं.
उन्होंने यह भी कहा कि मुकदमे में पारदर्शिता से यह बात पुख्ता हो सकेगी कि अदालती कार्यवाही में सऊदी नेतृत्व का कथित दखल नहीं है.
सातों समूहों ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के पर्यवेक्षकों, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और मीडिया संगठनों को मुकदमे की सुनवाई में शामिल होने की अनुमति देने के लिये सऊदी अरब पर दबाव बनाने को कहा है.
हालांकि उन्होंने चीन और रूस से यह अनुरोध नहीं किया है.
गौरतलब है कि वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की दो अक्टूबर तुर्की के इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद सऊदी अरब पर उनकी हत्या कराने का आरोप लगा था.
एमनेस्टी इंटरनेशनल, आर्टिकल 19, कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स, ह्यूमन राइट्स वॉच, पीईएन अमेरिका और रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स ने यह मांग की है.
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