अबू धाबी ने अंग्रेजी और अरबी के बाद हिंदी को अपने देश के न्यायालयों की आधिकारिक भाषा घोषित कर दिया है। अबू धाबी के इस फैसले की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रशंसा की है। उन्होंने कहा है कि हम अबू धाबी को धन्यवाद् देते हैं कि उन्होंने हिंदी को न्यायिक व्यवस्था की आधिकारिक भाषा के तौर पर मंजूरी दी है। अबू धाबी के इस निर्णय से न्याय व्यवस्था और भी सरल हो सकेगी और हमारे लोगों के लिए बेहतर होगी।
जानकारी के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासी सबसे बड़ी तादाद में रहते हैं, यहां लगभग 30 लाख भारतीय रहते हैं जोकि मुख्य रूप से दुबई में काम करते हैं। अबू धाबी के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद यहां कार्य करने वाले लाखों भारतीयों को बहुत सहूलियत मिलेगी। यहां काम करने वाले ज्यादातर भारतीय हिंदी भाषी हैं, जिसके कारण उन्हें अदालत में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। किन्तु अबू धाबी के इस निर्णय के बाद भारतीय प्रवासियों को काफी आसानी होगी।
अब यहां भारतीय कामगार सरलता से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, साथ ही अदालत में अपनी मातृभाषा हिंदी बोल सकते हैं और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यही नहीं भारतीय प्रवासी यहां बोनस, मुआवजा, नोटिस पीरियड, वार्षिक छुट्टी, आने जाने के टिकट, पासपोर्ट आदि के लिए अदालत की कार्यवाही आसानी से पूरी कर सकते हैं।