मशहूर एक्टर-डायरेक्टर अमोल पालेकर को शनिवार को एक कार्यक्रम में बोलने से रोक दिया गया. पालेकर नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) के कार्यक्रम में बतौर गेस्ट लेक्चर दे रहे थे. उन्हें बीच में बोलने से इसलिए रोका गया क्योंकि वे सरकार की आलोचना कर रहे थे. लेक्चर का टॉपिक ‘इनसाइड द इम्पटी बॉक्स’ था जो मशहूर आर्टिस्ट प्रभाकर बारवे की याद में आयोजित किया गया था. पालेकर ने इसके विरोध में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि देश-समाज में निश्चित तौर पर असहिष्णुता है.
इस कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें पालेकर को संस्कृति मंत्रालय की आलोचना करते देखा जा रहा है. एनजीएमए की मुंबई और बेंगलुरु स्थित गैलरी से एडवायजरी कमेटी को हटा दिया गया है जिसके विरोध में पालेकर अपनी बात रख रहे थे. इसी बीच स्टेज पर बैठे एनजीएमए के सदस्यों ने पालेकर से टोका-टाकी की और इवेंट से जुड़े मुद्दे पर ही बात करने की नसीहत दी. हालांकि पालेकर रुके नहीं और अपनी बात रखते रहे. बाद में उन्हें अपनी अधूरी बात रख कर जाना पड़ा.
इस वाकये के विरोध में पालेकर ने अपनी पत्नी संध्या गोखले के साथ रविवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सारी बात बताई. अमोल पालेकर ने कहा, ‘डायरेक्टर वहां मौजूद थीं और उन्होंने कहा कि अपनी बात रखने से पहले उन्हें सारी बात बतानी चाहिए थी. मैंने उन्हें जवाब में कहा कि क्या लेक्चर देने से पहले मेरा भाषण सेंसर किया जाता.’ पालेकर ने यह भी कहा कि ‘मैं संस्कृति मंत्रालय को ऐसी प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए धन्यवाद देने वाला था, लेकिन उन्होंने (निदेशक) कहा कि ऐसी किसी तारीफ की उन्हें जरूरत नहीं है और चली गईं.’
पालेकर ने कहा कि उन्हें बोलने से पहले आयोजकों को बताना चाहिए था कि क्या बोलना है और क्या नहीं. पालेकर ने कहा, ‘मैंने लेक्चर में एनजीएमए के उन नियमों की बात की जिन्हें बदल दिया गया है. ये कहना कि मैंने मुद्दे से हटकर बात की, पूरी तरह गलत है. मुंबई के दो आर्टिस्ट की प्रदर्शनी एनजीएमए में दिखाई जानी थी. इसकी इजाजत भी दे गई थी और तारीख भी तय थी लेकिन अब महली और पटवर्धन को मिली इजाजत वापस ले ली गई है. उन्हें बता दिया गया है कि वे अपनी प्रदर्शनी नहीं लगा पाएंगे.’
पालेकर ने सवाल उठाते हुए पूछा, ‘मेरा कहना है कि इस गैलरी में सिर्फ एनजीएमए को ही सिर्फ क्यों इजाजत मिल रही है? मैंने यह मुद्दा लोगों के सामने रखने का सोचा लेकिन मुझे रोक दिया गया. इसने मुझे बहुत आहत किया और मैं पूछना चाहता हूं कि अगर हम एनजीएमए में कुछ नहीं बोलेंगे तो कहां बोल पाएंगे? आयोजक बोल सकते हैं कि एनजीएमए सरकारी गैलरी है, तब मेरा सवाल है कि ऐसी आर्टी गैलरी बनाने के लिए जनता का पैसा क्यों लगता है.’ पालेकर ने कहा कि मैंने लेक्चर पूरा कर लिया, लेकिन मुझे उसके कुछ अंश हटाने पड़े.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पालेकर की पत्नी संध्या गोखले भी मौजूद थीं. उन्होंने कहा, ‘गैलरी की क्यूरेटर जेसल किसी दबाव में लग रही थीं, तभी उन्होंने बार-बार अमोल पालेकर के लेक्चर में टोका-टाकी की. आयोजकों को अन्य लोगों के लेक्चर भी ध्यान से सुनने चाहिए कि वे क्या क्या बोलते हैं.’ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पालेकर ने यह भी कहा कि उन्हें यह जानकार काफी दुख हुआ कि एनजीएमए के डायरेक्टर को आर्ट या आर्टिस्ट बारवे के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं.
संध्या गोखले ने कहा कि यह बात महत्वपूर्ण नहीं है कि सरकार किस पार्टी की है बल्कि यह मुद्दा ‘एंटी इस्टेबलिशमेंट’ है जहां कौन सी फिल्म प्रोड्यूस होगी और कंटेंट क्या होगा, इस पर भी नियंत्रण और दबाव है. संध्या ने कहा कि पालेकर के साथ इतना कुछ होने के बावजूद किसी ने आवाज नहीं उठाई जो समाज में फैले अंधियारे को दिखाता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में अमोल पालेकर और उनकी पत्नी संध्या गोखले ने कहा कि अभी चुनाव है या नहीं, यह मायने नहीं रखता लेकिन एक बात निश्चित है कि देश और समाज में असहिष्णुता है.