राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण होगा। जनता को दिखाया जाने वाला ढांचा ही श्रीराम मंदिर का आकार लेगा। विहिप के धर्म संसद अधिवेशन को शुक्रवार को संघ प्रमुख ने कहा कि चार-छह महीने में कुछ निर्णय हो जाए तो अच्छी बात, वरना उसके बाद होगा। हमारी बात हमने कह दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि उनकी प्राथमिकता नहीं, अब इसे कैसे पूरा करना है सरकार को सोचना है। मोहन भागवत ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गैर विवादित भूमि मांगकर और इसे न्यास को इसे सौंपने की बात से अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। संघ निराश नहीं है।
1990 में संघ ने पूरे दम से लड़ाई शुरू की थी। 30 साल में इसे पूरा होना था। अभी दो साल बचे हैं। अपने प्रयासों की गति बढ़ाएं ताकि एक साल में मंदिर निर्माण का प्रारंभ हो जाए। यह मामला निर्णायक दौर में पहुंच गया है इसलिए सोच-समझकर कदम उठाने होंगे। संघ प्रमुख ने कहा कि हम धैर्य से काम करें, आक्रोश को बांधकर रखें। इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ के वर्ष 2010 के निर्णय के बाद तय हो गया है कि वहां मंदिर ही था। मंदिर निर्माण में आरएसएस की पहल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर आंदोलन में शुरुआती दिनों से ही संघ, हिन्दू समाज और संतों के साथ खड़ा है। आंदोलन के एक घटक के रूप में अब भी कार्य कर रहा है।