लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आरोप थे कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी के दो होटलों को कथित तौर पर एक प्राइवेट फर्म को दे दिया था. इसमें वित्तिय गड़बड़ी के आरोप लगाए गए थे. होटल के सब-लीज के बदले पटना के एक प्रमुख स्थान की 358 डिसमिल जमीन फरवरी 2005 में मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (आरजेडी सांसद पी.सी. गुप्ता के परिवार के स्वामित्व वाली) को दी गई थी. जमीन उस वक्त के सर्किल दरों से काफी कम दर पर कंपनी को दी गई थी. इसी मामले में ईडी और सीबीआई ने लालू फैमिली पर शिकंजा कसा था.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आईआरसीटीसी टेंडर घोटाले के केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों को जमानत दे दी है. इनके खिलाफ सीबीआई और ईडी ने आईआरसीटीसी से जुड़े मामलों में मुकदमे दर्ज कराए थे, जिनमें उनके ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था.
आरजेडी प्रमुख और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, IRCTC के तत्कालीन प्रबंध निदेशक बी के अग्रवाल और तत्कालीन निदेशक राकेश सक्सेना भी इस मामले में आरोपी हैं, उन्हें भी नियमित जमानत दे दी गई है.
ईडी ने इस मामले में अब तक 44 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है. सीबीआई ने भी कुछ समय पहले इस मामले में एक आरोपपत्र दायर किया था. ईडी ने आरोप लगाया था कि लालू प्रसाद यादव समेत IRCTC के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया. रेल मंत्री रहने के दौरान लालू यादव ने नियमों को ताक पर रखकर पुरी और रांची के दो आईआरसीटीसी के होटलों को पीसी गुप्ता की कंपनी को दे दिया.