देश की विराट सैन्य शक्ति, ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर और अनेकता में एकता की गौरवशाली परंपरा की आज राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में भव्य झलक दिखाई दी, जिसमें पहली बार आजाद हिन्द फौज (आईएनए) के भूतपूर्व सैनिकों ने भी हिस्सा लिया। जानिए समारोह से जुड़ी सात खास बातें…
– महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर इस बार गणतंत्र दिवस परेड की थीम बापू ही थे। राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की 22 झांकियों ने भी देश की विविधता में एकता के रंगों को राजपथ पर बिखेरा। इन झांकियों का थीम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और कार्यों पर आधारित था।
– आजादी के बाद पहली बार आजाद हिन्द फौज के चार भूतपूर्व सैनिक भी परेड की शान बढ़ाते नजर आए। इन पूर्व सैनिकों के नाम चंडीगढ़ के लालतीराम (98), गुरूग्राम के परमानंद (99), हीरा सिंह (97) और भागमल (95) हैं।
– सेना की एक महिला अधिकारी ने मोटरसाइकिल पर करतबबाजी कर रहे दस्ते का नेतृत्व किया। उनके करतबों ने दर्शकों को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर दिया।
– परेड के अन्य आकर्षणों में सेना के लिए अमेरिका से खरीदी गई एम-777 अल्ट्रा लाइट हावित्जर तोप और मेक इन इंडिया के तहत देश में ही बनाई गई के-9 वज्र तोप पहली बार राजपथ पर दिखाई दी। के-9 वज्र तोप को लार्सन और टूब्रो ने बनाया है।
– डीआरडीओ द्वारा बनायी जाने वाली मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल तथा अर्जुन बख्तरबंद रिकवरी वाहन ने भी पहली बार परेड की शान बढ़ाई।
– तीनों सेनाओं के मार्चिंग दस्ते की कमान महिला अधिकारियों के हाथ में थी और असम रायफल्स की ओर से तो पूरे दस्ते में महिला सैनिक ही कदमताल कर रही थीं।
– एक अन्य आकर्षण वायु सेना का मालवाहक विमान ए एन-32 रहा जिसने पहली बार जैव ईंधन से उड़ान भरी। परेड में पहली बार सशस्त्र सेनाओं की मार्शल धुन के शंखनाद की गूंज भी सुनाई दी।