अघोरी साधु भारत के कई बड़े-बड़े मंदिरों में तीर्थ स्थल में रहते हैं और प्रयाग में लगने वाले अर्ध कुंभ मेले में इन अघोरियों को देखा जा सकता है. ऐसे में कहते हैं कि अघोरियों की दुनिया बहुत रहस्यमय होती है और इनके बारे में सभी जानना चाहते हैं लेकिन इनकी दुनिया बहुत ही रहस्यमय होने के कारण किसी को कुछ पता नहीं चलता है. ऐसे में आज हम आप सभी को अघोरियों के विषय में कुछ खास बातों को बताने जा रहे हैं जिन्हे सुनकर आपके होश उड़ सकते हैं.
कहते हैं अघोरी साधुओं की जिंदगी बहुत अलग होती है और विचित्र भी. वह जो भी करते हैं जैसे भी रहते हैं सब कुछ बहुत अजीब होता है. ऐसे में इन सभी के बारे में आप सभी ने अक्सर ही कुछ ना कुछ सुना ही होगा. ऐसे में कहा जाता है कि अघोरी साधु भगवान शिव के भक्त होते हैं और वह हमेशा भगवान शिव को मानते हैं.
भगवान शिव के भक्त अघोरी अपने शरीर पर कपड़ा बहुत कम पहनते हैं ये अपने पूरे शरीर में राख लगाते हैं. ऐसा भी आप सभी ने देखा ही होगा कि अघोरी साधुओं का रहन-सहन और पहनावा को देख कर अक्सर लोग इनसे डरते हैं लेकिन अघोरी सरल स्वभाव के सिद्धि प्राप्त होते हैं.
अघोरी साधु कभी किसी से कुछ मांगते नहीं है, वहीं अघोरी साधु लोगो को आसानी से दिखाई भी नहीं देते, ये भगवान शिव की तपस्या करते हैं. कहते हैं कि अघोरी साधु श्मशान में रहते हैं वहीं पूजा अर्चना करते हैं और मृत की राख को शरीर पर लगाते हैं.
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अघोरी साधु को भोजन में जो मिलता है वे वहीं खाते हैं और अघोरी साधु मृत शरीर को भी भोजन के रुप में स्वीकार करते हैं. इसी के साथ अघोरी साधु गाय के मांस को नहीं खाते और अघोरी साधुओं में काफी शक्ति होती है. कहा जाता है अगर किसी सच्चे अघोरी ने एक बार कुछ बोल दिया तो वह सही हो जाता है और उसका श्राप भी बहुत तेजी से लगता है.