नई दिल्ली। उरी में आतंकवादी हमले के बाद देश गुस्से में उबल रहा है। हर तरफ से मांग हो रही है कि पाकिस्तान से बदला लिया जाए लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी खामोश हैं। ये वही नरेंद्र मोदी हैं जो प्रधानमंत्री बनने से पहले पाकिस्तान के खिलाफ आग उगलने में सबसे आगे रहे हैं। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर उनके सामने ऐसी क्या मजबूरी है जिसकी वजह से वो पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से बच रहे हैं।
पाकिस्तान से बदला न लेने पर मोदी की मजबूरी क्या है?
- विपक्ष में रहते हुए आरोप-प्रत्यारोप करना आसान होता है लेकिन जब शासन में आप होते हैं तो कूटनीतिक फैसले लेने होते हैं।
- पाकिस्तान से बदला लेने और सीधा सैन्य कार्रवाई करने से दुनिया में भारत की छवि आक्रामक देश के तौर पर जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार का एक बड़ा धड़ा पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई के पक्ष में हैं लेकिन सरकार को इसमें कई व्यावहारिक समस्याएं दिख रही हैं।
पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई से क्यों बच रही है सरकार ?
- खुद पाकिस्तान कश्मीर के मसले को यूएन में उठाने वाला है। ऐसे में अगर भारत उस पर सैन्य कार्रवाई करता है तो फिर यूएन में भारत की स्थिति कमजोर पड़ सकती है। इसके अलावा भारत सुरक्षा परिषद की सदस्यता पाने के लिए जो अभियान चला रहा है, उस अभियान को भी सैन्य कार्रवाई से धक्का पहुंचेगा।
- सरकार को ये भी लग रहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई से दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है, वो कमजोर पड़ सकती है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक आतंकवादियों के चंगुल में फंसा पाकिस्तान जानबूझकर भारत को उकसा रहा है ताकि युद्ध की स्थिति में वो खुद वो पीड़ित बताकर सिम्पैथी कॉर्ड खेल सके।
- पाकिस्तान और चीन का गठजोड़ भी सरकार को सीधी कार्रवाई से रोक रहा है। अब ये पूरी दुनिया को पता है कि पाकिस्तान को असली ताकत चीन से मिल रही है। ऐसे में युद्ध की स्थिति में चीन पाकिस्तान को सामने रखकर भारत के खिलाफ परोक्ष युद्ध छेड़ सकता है। पाकिस्तान के पास न्यूक्लियर बम का होना मोदी सरकार की चिंता की एक और वजह है। इस मामले में दूसरी बड़ी चिंता ये है कि वहां पर न्यूक्लियर बम की व्यवहारिक चाभी सरकार के पास न होकर सेना और आईएसआई के पास है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने उरी हमले के तुरंत बाद न्यूक्लियर बम की बात उठा दी।
सूत्रों के मुताबिक सरकार देश की आंतरिक स्थिति को देखते हुए भी पाकिस्तान पर सीधी कार्रवाई से बच रही है। सरकार इस तरह की कुछ और दलील देकर पाकिस्तान के खिलाफ सीधी कार्रवाई से बच सकती है लेकिन सच्चाई ये है कि चुनाव से पहले पीएम मोदी ने देश के साथ जो वादा किया था, वही वादा अभी उनके लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है।