”पापा मैं कुंवारी ही मर रही हूं। आप मुझ पर शक करते थे। मैंने किसी लड़के को अपने आप को छूने नहीं दिया…।” कुछ एेसा सुसाइड नोट लिख 14 वर्षीय नाबालिग कर्नल की बेटी ने फंदा लगाकर खुदकशी कर ली। वह अपने पिता की बार-बार की फटकार से आहत थी। रिया के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने कर्नल पिता के खिलाफ केस दर्ज किया है। उधर, घटना के बाद से कर्नल पिता गहरे सदमे में हैं।
पुलिस के मुताबिक ने मौके से मिले रिया के सुसाइड नोट में उसने पिता को ही अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उसने आत्महत्या तब की जब पिता घर पर नहीं थे। कर्नल सचित कालका आर्मी एरिया में ही पोस्टेड हैं। वह अमरावती एनक्लेव स्थित मकान में रहते हैं। सचित ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उनके दो बच्चे हैं। बेटा 10वीं में पढ़ता है, जबकि रिया उससे छोटी थी।
बकौल सचित उनकी पत्नी के साथ तलाक को लेकर कोर्ट में केस विचाराधीन है। इसके चलते वह दोनों अलग-अलग रहते हैं। बेटा पत्नी के पास रहता है, जबकि बेटी रिया उन्हीं के पास रहती थी। सचित ने बताया कि गत रात्रि उनके घर उनकी बहन और कुछ अन्य रिश्तेदार आए थे, जो विदेश जाने का प्रोग्राम बना रहे थे। इसके बाद जब रिया पहली मंजिल पर बने अपने कमरे में थी, तभी सचित घर से किसी काम के सिलसिले में पंचकूला के लिए निकले
जब वह शाम करीब साढ़े 7 बजे वापस लौटे तो उन्होंने रिया को आवाज लगाई, लेकिन जवाब न मिलने पर जब वे कमरे की तरफ बढ़े तो कमरा अंदर से बंद पाया। अनहोनी की आशंका पर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर गई पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि रिया ने पंखे के सहारे चुन्नी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस दौरान पुलिस को वहां से एक सुसाइड नोट भी मिला। जांच अधिकारी राजकुमार ने बताया कि रिया ने अपने सुसाइड नोट में मौत का कारण पिता का उसके प्रति रूखा व्यवहार बताया है।
ये लिखा सुसाइड नोट में
पापा धन्यवाद, मैं कुंवारी ही मर रही हूं। मैं आशा करती हूं कि आप खुश होंगे। आपको वो चीज मिल गई जो आप चाहते थे, जिसके कारण मजबूरन मुझे यह कदम उठाना पड़ा। आपकी नफरत और आरोपों से तंग आ चुकी हूं। ये सिर्फ इतना ही नहीं था, आप हर बार मुझे मारते और पीटते थे। आप हर बार मुझ पर आरोप लगाते थे। मैं घुट-घुट कर मरती थी। आप मुझे जिंदा देखना नहीं चाहते थे। इसलिए आप को वो मिल रहा है जो आप चाहते थे। हालांकि मैंने किसी लड़के को अपने आप को छूने नहीं दिया। आप ने मुझे पालपोष कर बड़ा किया। एक दोस्त नहीं पिता चाहती थी, आपके शक शक की आदत ने मुझे मुसीबत में डाल दिया।