बच्चा जब कान में तीली डाल ता है, तो मां बोलती है, ‘गंदी बात’, कोई हष्टपुष्ट व्यक्ति भीख मांगे तो गंदी बात, लॉटरी का टिकट खरीद ले तो गंदी बात और अगर कोई लड़की मजबूरन जिस्मफरोशी के धंधे में पड़ जाये तो भी ‘गंदी बात’। लेकिन यही गंदी बात अगर किसी के लिये दो जून की रोटी का सहारा हो, तब आप क्या कहेंगे?
आज ग्लोबल इकोनॉमी में जहां दुनिया के अधिकतर ट्रेड को कानूनी तरीके से करने की कोशिश हो रही है, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे बिजनेस भी है जो गैरकानूनी हैं। या फिर यूं कहिये कि वो काम करना गलत है, लेकिन फिर भी वो काम फलफूल रहा है और लाखों लोग उन्हीं के बल पर पेट पाल रहे हैं। ना तो इनपर कोई कानून रोक लगा पा रही है ना दी पुलिस प्रशासन।
जानते है कौन सी है वो गंदी बाते
भारत में इस तरह के गैरकानूनी धंधे कम समय में तेजी से पैसा कमाने का जरिया बनता जा रहा है। कानून की नजर से बचते-बचाते कुछ लोग इस तरह के बिजनेस को तेजी से फैला रहे है। इस गैरकानूनी धंधों में ना तो उन्हें सरकार को टैक्स देने की जरुरत होती है और ना ही किसी सरकारी कार्रवाई से निपटने का झंझट। बस सोचा और शुरु कर दिया बिजनेस। हलांकि खास बात ये भी है कि इन गैरकानूनी धंधों में यहां लागत कम होती है तो मुनाफा करोड़ों में।
जिस्मफरोशी का धंधा
वेश्यावृत्ति का धंधा भारत में तेज रफ्तार से बड़ता जा रहा है। सालों से सेक्स का ये गोरखधंधा हमारे समाज में फल-फूल रही है। करोड़ों की कमाई के इस बिजनेस में हजारों लड़कियां और दलाल शामिल है।
नकली और पायरेटेड सीडी
भिखारियों की रोज की कमाई 100 रु.
सड़कों पर रोज सुबह निकलते ही आपको भीख मांगते लोग आसानी से मिल जाएंगे। भगवान के नाम का सहारा लेकर बच्चे-बूढ़े, विकलंगा, महिलाएं आपसे मदद मांगते है। आपकी दया पर उनका जीवन चलता है। करोड़ों की कमाई का जरिया बना धंधा धीरे-धीरे अपराध का रुप लेता जा रहा है
देशी शराब का धंधा
भारत में शराब की ब्रिकी और निर्माण के लिए लाइसेंस लेने का कानून है। जिसे सरकार से लाइसेंस देती है वो ही शराब बेच और बना सकता है, लेकिन भारत में अवैध रुप से देशी शराब बनाने और बेचने का धंधा चल रहा है। त्यौहारों के मौके पर ये धंधा तेजी से बढ़ने लगता है। कई बार ये अवैध शराब लोगों की मौत का कारण बन जाता है। जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत की खबरें मीडिया में आती रहती है।
नन्हें हाथों से कमाई
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुसार दुनिया भर में 21 करोड़ से अधिक बच्चों से मजदूरी करवाई जाती है। भारत में सबसे ज्यादा होता है बाल श्रम। छोटे-छोटे बच्चों से दुकानों, फैक्टियों, घरों में काम करवाया जाता है। इस कारोबार के फलने-फूलने की वजह सस्ता मजदूरी है। बच्चे कम कीमत पर ही काम करने को तैयार हो जाते है।
कान की सफाई से कमाई
भारत विविधताओं का देश है। यहां लोगों के कमाई का जरिया भी अलग-अलग है। इन्हीं में से एक धंधा है कान की सफाई। सड़कों पर किसी अजीब से औजार से ये लोग आपको दूसरों के कान की सफाई करते दिख जाएंगे। कान की सफाई का ये धंधा बरसों से चलता आ रहा है।
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