इमरान खान ने 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर बीते 18 अगस्त को पाकिस्तान की बागडोर संभाल ली है। आज जिस दौर में पाकिस्तान में नई सरकार का उदय हो रहा है उसमें भारत एवं पाकिस्तान के संबंध बेहद नाजुक हैं। भारत-पाक सीमा पर सीजफायर का बेहिसाब उल्लंघन जारी है और पाक अधिकृत कश्मीर आतंकियों से पटी है जो भारत के लिए कहीं अधिक मुसीबत बनी हुई है। दूसरे शब्दों में कहें तो सीमा के पार और सीमा के भीतर भारत इन दिनों पाक प्रायोजित आतंक से जूझ रहा है।
अमेरिका से आर्थिक प्रतिबंध और आतंकवाद को लेकर लगातार मिल रही धौंस से पाकिस्तान फिलहाल बिलबिलाया है। सार्क देशों के सदस्यों के साथ भी उसका गठजोड़ भारत सहित कइयों के साथ पटरी पर नहीं है। चीन की सरपरस्ती में अपना भविष्य झांकने वाला पाकिस्तान अपने देश के भीतर ही कई संकटों को जन्म दे चुका है। ये कुछ बानगी हैं जिनसे इमरान की सरकार को तत्काल सामना करना होगा। यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि इमरान खान चुनाव जीतने के तुरंत बाद ही चीन की ओर अपना झुकाव और कश्मीर मुद्दे को लेकर अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं।
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