सुनंदा पुष्कर मौत मामले की सुनवाई कर रहा पटियाला हाउस कोर्ट इसमें दाखिल चार्जशीट पर 5 जून को संज्ञान लेगा. दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि शशि थरूर और सुनंदा पुष्कर दोनों की तीसरी शादी थी. उनकी शादी के करीब 3 साल हुए थे. इस वजह से इस केस में आईपीसी की धारा 113A को भी जोड़ा जाए.
पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सुनंदा पुष्कर की मौत का कारण पूछा, तो उसने जहर बताया. इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या सुनंद ने खुद जहर लिया था? दिल्ली पुलिस का जवाब था कि फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है. कोर्ट अब दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट पर 5 जून को संज्ञान लेगी.
दिल्ली पुलिस ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में बताया कि मौत से दो दिन पहले सुनंदा पुष्कर ने एक बेहद उदासी भरी कविता लिखी थी. उसमें उसने लिखा था कि वो जीना नहीं चाहती है, वो मरना चाहती है. इस कविता को पुलिस ने चार्जशीट का हिस्सा बनाया है. पुलिस का इशारा है कि थरूर ने ही सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाया था.
इससे पहले इस केस को पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धमेंद्र सिंह ने एडिशल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल को ट्रांसफर कर दिया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया जिसमें MP और MLA से जुड़े सभी केस की अलग फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करने और एक साल में निपटारा करने को कहा गया है.
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वह इस केस में हस्तक्षेप याचिका दायर करेंगे, जिसमें कोर्ट से आईपीसी की धारा 201 (साक्ष्यों को नष्ट करने) और 302 (हत्या) जैसी धाराओं को जोड़ने की मांग करेंगे. अगली सुनवाई पर कोर्ट इस मामले में दायर 3000 पन्नों की चार्जशीट की स्क्रूटनी करेगी. इस पर संज्ञान लेकर समन कर सकता है.
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर सहित कई व्यक्तियों से पूछताछ की जा चुकी है. दिल्ली पुलिस थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, चालक बजरंगी और दोस्त संजय दीवान का पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवा चुकी है. यहां तक की विसरा को दोबारा जांच के लिए एफबीआइ लैब भेजा गया, फिर भी कुछ पता नहीं लग पाया था.
29 सितंबर 2014 को एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा के शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपा था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सुनंदा की मौत जहर से हुई है. बोर्ड ने कहा था कि कई ऐसे रसायन हैं जो पेट में जाने या खून में मिलने के बाद जहर बन जाते हैं. लिहाजा, उनके वास्तविक रूप के बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल होता है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद 1 जनवरी 2015 को सरोजनी नगर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. इसके बाद सुनंदा के विसरा को जांच के लिए एफबीआई लैब अमेरिका भेज दिया गया था. वहां की लैब में भी जहर के बारे में पता नहीं लग सका था. पुलिस ने फोरेंसिक साइकोलॉजी एनालिसिस टेस्ट भी कराया था.