रेलवे ने यात्रियों से अधिक मूल्य वसूलने वाले वेंडरों को अच्छा सबक सिखाया है। एक रेल यात्री से पांच रुपये अधिक वसूलना फर्म को महंगा पड़ा। जांच में आरोप सही पाए जाने पर रेलवे ने फर्म पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। यात्रियों को ओवररेटिंग से बचाने के लिए रेलवे की ओर से की गई इस कार्रवाई को एक बड़ा कदम माना जा रहा है। रेलवे लखनऊ मंडल की ओर से फैजाबाद जंक्शन पर खानपान का स्टॉल चलाने वाली एक निजी फर्म पर ये कार्रवाई की गई है। रेलवे ने अब तक किसी खानपान की फर्म पर इतना बड़ा अर्थदंड नहीं लगाया था। अर्थदंड को लेकर लखनऊ मंडल के सहायक वाणिज्य प्रबंधक की ओर से नोटिस जारी कर दी गई है।
गत 13 मई
को रेल यात्री ललन सिंह ने फैजाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म एक पर प्रतीक्षालय के निकट स्थित खानपान के एक स्टॉल से कोल्ड ड्रिंक ली। स्टॉल के वेंडर ने उत्पाद पर अंकित एमआरपी 35 रुपये के बदले यात्री से 40 रुपया लिया। ललन सिंह ने इसकी शिकायत रेलवे बोर्ड को ऑनलाइन दर्ज कराई। लखनऊ मंडल के अधिकारियों ने प्रकरण की जांच कराई। जांच में परिवादी की तरफ से लगाया गया आरोप सही मिला, जिसके उपरांत ओवररेटिंग के आरोप में रेलवे ने फर्म पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया। फर्म को जुर्माने की धनराशि को सात दिनों के भीतर जमा कराना होगा। स्टेशन अधीक्षक फैजाबाद को निर्देश दिया गया है कि निर्धारित समय में अर्थदंड जमा कराकर रसीद की छायाप्रति मंडल मुख्यालय को प्रेषित कर दी जाए।
वाणिज्य निरीक्षक अजय सिंह ने बताया कि यात्री हित सर्वोपरि है। रेलवे की ओर से अर्थदंड की कार्रवाई एक बड़ा कदम है। इससे ओवररेटिंग करने वालों को सबक मिलेगा। यात्रियों को भी सजग होना पड़ेगा। यात्रियों से लगातार अपील की जा रही है कि वे अधिकृत वेंडरों से ही वस्तुओं की खरीद करें और उनसे बिल अवश्य लें। यात्री बिल लेंगे तो एमआरपी से अधिक मूल्य वसूलने की समस्या अपने आप नियंत्रित हो जाएगी।