चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ 34 रनों से हार के लिए बल्लेबाजों को दोषी ठहराया. मौजूदा आईपीएल मुकाबले में दिल्ली के 163 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई की टीम 6 विकेट पर 128 रन ही बना सकी थी.
फ्लेमिंग ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने बल्ले से मैच गंवाया. हमारी गेंदबाजी अच्छी रही. अंतिम ओवर में काफी रन बने, लेकिन इसके बावजूद हम 160 (162 रन) के स्कोर से खुश थे. दिल्ली ने पूरी पारी के दौरान काफी अच्छी गेंदबाजी की. धीमे विकेट के कारण हम भी उपयोगी साझेदारियां निभाने में नाकाम रहे.’
उन्होंने कहा, ‘विकेट लगातार धीमा हो रहा था. हमारे बल्लेबाज रन बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी. स्पिनरों ने विकेट हासिल करके हमारे ऊपर दबाव बनाया.’ यह पूछने पर कि क्या इतने लंबे टूर्नामेंट के बाद खिलाड़ियों पर थकान का असर दिखने लगा है, फ्लेमिंग ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि खिलाड़ियों पर थकान का असर दिख रहा है. उन्होंने (दिल्ली डेयरडेविल्स ने) काफी अच्छी गेंदबाजी की. सुरेश रैना ब्रेक (स्ट्रैटेजिक ब्रेक) के तुरंत बाद आउट हो गए. उन्होंने कैच पकड़े और हमारे ऊपर दबाव बनाया.’
फ्लेमिंग ने कहा, ‘जब आप धीमी पिच पर औसत स्कोर का पीछा करते हुए नियमित अंतराल पर विकेट गंवाते हो, तो काफी मुश्किल हो जाती है. प्रत्येक विकेट के साथ हम पिछड़ते चले गए और वापसी नहीं कर पाए. हमारा कोई बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया.’
ड्वेन ब्रावो काफी महंगे साबित हुए और उन्होंने चार ओवर में 52 रन लुटाए, जिसमें पारी के अंतिम ओवर में 26 रन भी शामिल हैं, लेकिन फ्लेमिंग ने अपने इस ऑलराउंडर का बचाव करते हुए कहा, ‘डेथ ओवरों की गेंदबाजी लगभग सभी टीमों की समस्या है. इससे पहले ड्वेन ब्रावो ने कुछ मैचों में हमारे लिए काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.
गौरतलब है कि आखिरी ओवर में ब्रावो को हर्षल पटेल ने तीन छक्के जड़े. जबकि विजय शंकर ने एक छक्का लगाया. इस तरह आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से सबसे महंगा ओवर फेंकने वाले गेंदबाजों में ब्रावो का नाम भी शामिल हो गया.
26 रन – सी. कपुगेदरा (विरुद्ध मुंबई इंडियंस, 2008)
26 रन – रवींद्र जडेजा (विरुद्ध मुंबई इंडियंस, 2015)
26 रन – ड्वेन ब्रावो (विरुद्ध दिल्ली डेयर डेविल्स. 2018)