चेन्नई: भारतीय वायुसेना का AN32 विमान लापता हो गया है। यह विमान चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर जा रहा था। प्लेन में 29 लोग सवार थे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 23 हज़ार फुट से अचानक प्लेन की ऊंचाई में कमी आई। इसमें भारतीय वायुसेना के 12 जवान, 6 क्रू-मेंबर, 1 नौसैनिक, 1 सेना का जवान और एक ही परिवार के 8 सदस्य मौजूद थे और यह चेन्नई के पास तंबारम एयरबेस से सुबह 8.30 बजे पोर्ट ब्लेयर के लिए रवाना हुआ था। इसे सुबह 11.15 के करीब पोर्ट ब्लेयर लैंड होना था जो नहीं हो पाया।
भारतीय वायुसेना प्रमुख ने लापता विमान के बारे में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से जानकारी साझा की है। पर्रिकर ने कहा है कि लापता विमान और उसमें सवार कर्मियों का पता लगाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल विमान की खोज और राहत के लिए वायुसेना और नौसेना के विमान लगा दिए गए हैं। एक पी-8-आई और एक डोर्नियर को बंगाल की खाड़ी में भेज दिया गया है। प्लेन में एक एमरजेंसी बेकन लोकेटर है, जो क्रैश होने की स्थिति में सक्रिय हो जाता है। नौसेना ने एक पनडुब्बी को लोकेटेर द्वारा पानी के नीचे हुए किसी भी तरह के ट्रांसमिशन की जांच के लिए भेजा है।
अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक एयरक्राफ्ट से आखिरी बातचीत टेकऑफ के 16 मिनट बाद हुई थी और पायलट ने कहा था कि सबकुछ ‘सामान्य’ है। 13 युद्धपोत जिसमें करमुख, घड़ियाल, ज्योति और कूथर शामिल हैं, उन्हें इस अभियान में लगा दिया गया है।
पूर्व नौसेना प्रमुख एके सिंह के मुताबिक ‘उस इलाके में मौसम खराब हो सकता है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून बहुत असरदार है और ऐसे मौसम में इस स्थिति को संभालना बेहद मुश्किल काम है।’ लापता प्लेन एक कुरियर विमान था, जो ज्यादातर भारत के मिलेट्री बेस मलक्का स्ट्रेट्स के पास बसे युद्धनीतिक द्वीपों पर सेना के जवानों को पहुंचाता था।
नौसेना के प्रवक्ता डी के शर्मा ने कहा, ‘प्लेन लापता है, फिलहाल तो हम यही कहेंगे कि उसने जरूरत से ज्यादा वक्त लगा दिया है।’ 1999 में भारतीय वायुसेना का एएन32 विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने से ठीक पहले क्रैश हो गया था, जिसमें 21 लोगों की मौत हुई थी। भारतीय वायुसेना में इस वक्त 100 से भी ज़्यादा रूस निर्मित एएन32 विमान सेवारत हैं। इन विमानों की खासियत है कि यह चार घंटे तक दोबारा ईंधनभरे बगैर भी उड़ सकते हैं और यह हर मौसम के लिए उपयुक्त होते हैं।