तेजबहादुर सप्रू अस्पताल में सोमवार की रात एक महिला मरीज की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप था कि डॉक्टरों की लापरवाही से उनके मरीज की मौत हो गई। उधर डाक्टरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तब जाकर मामला शांत हुआ। उधर डॉक्टर व नर्स कैंट थाने पहुंचे और मारपीट के प्रकरण में तहरीर दी। पुलिस ने परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
कौशांबी जनपद के सरसोवान गांव की सविता देवी की दोनों किडनी खराब हो चुकी थी। डॉक्टरों के अनुसार, महिला मरीज को पहले एम्स में भर्ती किया गया था। वहां से डिस्चार्ज कराने के बाद परिजनों ने महिला को बेली अस्पताल के आइसीसीयू वार्ड में इलाज के लिए भर्ती करा दिया। यहां वह डायलसिस पर थी। सोमवार की देर शाम महिला की हालत अधिक बिगड़ने लगी। यहां तैनात स्टाफ नर्स सरिता व सुनीता ने इसकी सूचना इमरजेंसी ड्यूटी में मौजूद डॉ. अवनीश परासर को दी। वह भी वार्ड में पहुंच गए लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। परिजन डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गाली गलौज करने लगे। सभी डॉक्टर व नर्स भी एकजुट हो गए। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। डॉक्टरों का आरोप है कि परिजनों ने स्टाफ नर्स सरिता को थप्पड़ मारा जबकि सुनीता के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
डॉक्टरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तो मामला शांत हुआ। परिजन मृतका की लाश लेकर चले गए। उधर करीब दो दर्जन डॉक्टर, नर्स व वार्ड ब्वाय कैंट थाने पर पहुंचकर घेराव कर दिया और मारपीट करने वाले तीमारदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। कैंट थाने के इंस्पेक्टर आरएस रावत ने बताया कि डॉक्टरों की तहरीर पर परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उधर, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरएस ठाकुर ने बताया कि इस तरह की कोई जानकारी उन्हें नहीं है।
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सुरक्षा को लेकर डॉक्टरों में आक्रोश
तेजबहादुर सप्रू अस्पताल में आए दिन इस तरह की स्थिति उत्पन्न होती रहती है। यहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था न होने से डॉक्टरों में आक्रोश है। डॉक्टरों ने कहा कि कई बार जिम्मेदार लोगों से सुरक्षा बढ़ाने की बात कही गई लेकिन कोई पहल नहीं की गई। इस घटना की जानकारी अस्पताल के मैनेजर डॉ. शेखर को दी गई लेकिन वह आए तक नहीं।