राष्ट्रपति भवन ने राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह को लेकर हुए विवाद में नाम घसीटे जाने पर नाखुश जताई है। राष्ट्रपति भवन ने इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय से कहा है कि राष्ट्रीय समारोह पर हुआ विवाद सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से बरती गई लापरवाही का नतीजा है। इस पूरे घटनाक्रम से वाकिफ दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने इस बारे में बताया।
गुरुवार को हुए राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति के हाथों सिर्फ कुछ अहम पुरस्कार ही वितरित किए जाने की घोषणा से कई पुरस्कार विजेता नाराज हो गए थे। जिसके बाद करीब 50 पुरस्कार विजेता पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल नहीं हुए। उनका कहना था कि वह उदास और निराश महसूस कर रहे थे कि राष्ट्रपति अपने हाथों से केवल 11 लोगों को ही पुरस्कृत करेंगे। इस बात की जानकारी उन्हें महज एक दिन पहली ही दी गई थी। इस पर I&B मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि इस तरह के विवाद के लिए कुछ असंतुष्ट तत्व जिम्मेदार हैं।
राष्ट्रपति कार्यालय के एक अधिकारी के मुताबिक, इस बात की जानकारी कि राष्ट्रपति केवल 11 लोगों को ही सम्मानित करेंगे कई हफ्तों पहले ही I&B मंत्रालय को दे दी गई थी। उन्होंने राष्ट्रपति के कुछ लोगों को ही पुरस्कार दिए जाने वाली खबर का सोशल मीडिया पर फैलने को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि यह तो I&B मंत्रालय की तरफ से एक तरह का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इससे यह प्रतीत होता है जैसे कि राष्ट्रपति कार्यालय ने ये फैसला आखिरी वक्त में लिया हो। इससे तो कार्यालय के काम पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने बताया कि इस बात से राष्ट्रपति आहत हुए हैं जिसकी जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को दे दी गई है।
इस कारण दिए केवल 11 लोगों को पुरस्कार
राष्ट्रपति कार्यालय के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय पुरस्कार के बारे में I&B मंत्रालय और राष्ट्रपति कार्यालय के बीच मार्च में चर्चा हुई थी। उन्होंने बताया कि इस बात की जानकारी कि राष्ट्रपति समारोह में केवल एक घंटे ही रुकेंगे अप्रैल की शुरुआत में ही I&B मंत्रालय को दे दी गई थी। साथ ही I&B मंत्रालय को कहा गया था कि वह एक घंटे के दौरान राष्ट्रपति के हाथों जिन लोगों पुरस्कृत करवाना चाहते हैं उनकी एक लिस्ट भी फाइनल कर लें।
इसके बाद एक मई को I&B सचिव एनके सिन्हा ने राष्ट्रपति भवन आकर राष्ट्रपति सचिव संजय कोठारी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सिन्हा अपने साथ उन 11 लोगों की लिस्ट भी लाए थे जिन्हें राष्ट्रपति को पुरस्कृत करना था। जिसके बाद दोनों सचिव 3 मई के समारोह के पूरे कार्यक्रम को फाइनल करने के बाद राष्ट्रपति कोविंद से मिलने गए। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं था कि मंत्रालय को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
गौरतलब है कि इस पर राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने कहा था कि, राष्ट्रपति कोविंद प्रोटोकॉल के अनुसार किसी भी कार्यक्रम को सिर्फ एक घंटे का समय देते हैं। इस दौरान यदि वे सभी पुरस्कृत लोगों को खुद सम्मानित न कर पाए तो शेष पुरस्कार केंद्रीय एंव सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी देंगी। वहीं राष्ट्रपति के मीडिया सलाहकार अशोक मलिक का कहना है कि पद ग्रहण करने के बाद से वह प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं।