- BJP शासित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाएगी
उत्तराखंड के बाद अरुणाचल प्रदेश से भी राष्ट्रपति शासन हटाए जाने से बौखलाई बीजेपी जल्द ही किसी बीजेपी शासित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकती है। ख़बर है कि जब से अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला आया है, तब से नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने ने तय कर लिया है कि हो न हो वो एक राज्य में तो सफलतापूर्वक राष्ट्रपति शासन लगाकर ही रहेंगे।नाम न बताने की शर्त पर चुगली को तैयार बैठे एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने बताया कि पीएम बनने के साल के भीतर ही दुनिया के 3 चक्कर लगाने के अलावा मोदी जी का एक सपना ये भी था कि केंद्र सरकार किसी राज्य में सफलतापूर्वक राष्ट्रपति शासन लगाए।
उत्तराखंड और अरुणाचल के बाद बलूचिस्तान की बारी
बकौल चुगलखोर, ‘उत्तराखंड और अरुणाचल जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में ये हसरत पूरी न हो पाने के बाद पार्टी किसी तरह का रिस्क लेने के मुड में नहीं है। लिहाज़ा पार्टी ने तय किया है कि अब वो किसी बीजेपी शासित राज्य में ही राष्ट्रपति शासन लगाएगी ताकि किसी तरह की चुनौती न मिल सके।’
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते थे, फिर किसी ने उन्हें बताया कि दिल्ली में बीजेपी नहीं, आम आदमी पार्टी की सरकार है। दरअसल पिछले डेढ़ साल में पार्टी ने दिल्ली में इतनी बार दखल दिया है कि खुद प्रधानमंत्री भूल गए थे कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार नहीं है।
दिल्ली के बाद पीएम से जब दूसरा विकल्प पूछा गया तो उनका कहना था कि बलूचिस्तान में हालात काफी ख़राब है वहां राष्ट्रपति शासन लगा दो। तब उन्हें खोपचे में ले जाकर जानकारी दी गई कि बलूचिस्तान तो पाकिस्तान का राज्य है…इस पर हैरान होते हुए मोदी जी ने पूछा, तो फिर मैं किसी देश का प्रधानमंत्री हूं?
प्रधानमंत्री के नज़दीकी सूत्र बताते हैं कि देश में ज़्यादा वक्त तक न रूकने के कारण मोदी जी बीच-बीच में भूल जाते हैं कि वो किस देश के प्रधानमंत्री हैं। पिछली बार अफ्रीकी दौरे से लौटने के 3 दिन बाद तक वो साक्षी महाराज को तंजानिया का प्रधानमंत्री कहते रहे।
खैर जब आख़िर में उन्हें सलाह दी गई कि मध्यप्रदेश में बाढ़ के बाद हालात काफी ख़राब हैं, राज्य सरकार स्थिति संभाल नहीं पा रही, इससे पहले व्यापम के चलते भी राज्य का नाम बदनाम हो चुका है, तो आप वहां राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगा देते…इस पर मोदी जी हाथ खड़े करते हुए कहा, न बाबा न…भारत के पहले ही अपने पड़ोसी देशों से सम्बंध काफी खराब हैं…मैं और रिस्क नहीं ले सकता…मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाना या नहीं, ये पूरी से तरह भूटान का अंदरूनी मामला है!
साभार: नवभारतटाइम्स.कॉम