लोकायुक्त संगठन की जांच में कई पूर्व मंत्री व अधिकारियों की भूमिका भ्रष्टाचार के मामलों में सामने आई है। लोकायुक्त न्यायमूर्ति संजय मिश्रा ने बुधवार को राज्यपाल राम नाईक से राजभवन में भेंट कर उन्हें 176 पृष्ठीय ‘समेकित वार्षिक प्रतिवेदन-2017 सौंपा। राज्यपाल ने वार्षिक प्रतिवेदन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा है और राज्य सरकार का स्पष्टीकरण मांगा है। राज्य सरकार के स्पष्टीकरण के साथ समेकित वार्षिक प्रतिवेदन को विधान मंडल के दोनों सदनों में रखा जाएगा। बताया गया कि वर्तमान में कुछ मंत्री व अधिकारियों के खिलाफ भी जांच चल रही है।
लोकायुक्त न्यायमूर्ति संजय मिश्रा ने अपने वार्षिक प्रतिवेदन में उत्तर प्रदेश लोक आयुक्त तथा उप-लोक आयुक्त अधिनियम 1975 की धारा 12(6) के अंतर्गत वर्ष 2017 में कई पूर्व मंत्रियों, सरकारी अधिकारियों, नगर पालिका चेयरमैन, ग्राम विकास अधिकारी व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों की जांच का पूरा विवरण दिया है। साथ ही लोक आयक्त संगठन द्वारा प्राप्त शिकायतों पर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया, प्रेषित किये गये विशेष प्रत्यावेदनों तथा लोक आयुक्त /उप-लोक आयुक्त सौंपी गई जांच रिपोर्टों पर राज्य सरकार द्वारा अब तक की गई कार्यवाही से भी अवगत कराया गया है। दूसरी ओर लोक आयुक्त संगठन के प्रभारी सचिव/मुख्य अन्वेषण अधिकारी राकेश कुमार ने बुधवार को प्रेसवार्ता में बताया कि विभिन्न जांचों में कई नेता व अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। हालांकि उन्होंने इसका ब्योरा साझा करने से इंकार कर दिया। संकेत दिए कि वार्षिक रिपोर्ट में उनका जिक्र किया गया है।
लोक आयुक्त संगठन में बढ़ रहीं शिकायतें
लोक आयुक्त संगठन में शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। संगठन के प्रभारी सचिव राकेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2017 में 3137 शिकायतें आईं, जबकि 615 परिवार पूर्व से लंबित थे। कुल 3752 परिवाद में वर्ष 2017 में 2870 परिवाद निस्तारित किए गए। इनमें 2592 परिवाद प्रारंभिक स्तर पर निस्तारित किए गए। 278 परिवादों का निस्तारण अन्वेषण के बाद किया गया। 31 दिसंबर 2017 तक कुल 882 परिवाद लंबित हैं।
462.52 लाख का कराया भुगतान
लोक आयुक्त संगठन ने वर्ष 2017 में विभिन्न सरकारी कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति संबंधी मामलों का निस्तारण कराते हुए उन्हें कुल 462.52 लाख रुपयों का भुगतान कराया गया। लोक आयुक्त संगठन को और मजबूत बनाए जाने का प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा गया है।
भेजे गए आठ विशेष प्रतिवेदन
वर्ष 2017 में कुल 17 प्रतिवेदन भेजे गए। इनमें आठ विशेष प्रतिवेदन शामिल हैं। इससे पूर्व वर्ष 2016 में कुल आठ प्रतिवेदन भेजे गए थे।