यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में आज एक फरियादी फफक कर रो पड़ा. गोरखपुर में योगी के दरबार में अपनी अर्जी लेकर आयुष सिंघल लखनऊ से आए थे. उनका कहना है कि उन्होंने 5 साल पहले लखनऊ के अलीगंज में 22 एकड़ जमीन खरीदी थी. उस पर पूर्व बाहुबली मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के विधायक बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने कब्जा कर लिया है.
पेशे से व्यापारी आयुष सिंघल का आरोप है कि अमरमणि त्रिपाठी और उनके बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने उनकी अलीगंज स्थित 22 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है. साल 2012 में आयुष ने इस जमीन की रजिस्ट्री कराई थी. गोरखपुर में जनता दरबार में जब उन्होंने यह पूरा मामला सीएम योगी आदित्यनाथ को बताना शुरू किया, तो वह पीड़ित पर ही भड़क उठे.
आरोप है कि सीएम योगी आदित्यनाथ आयुष की पूरी बात सुनने के बजाए फाइल फेंककर कोई कार्रवाई नहीं होने की बात कह दिए. आयुष ने इससे पहले भी सीएम से जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर मिल चुके हैं. सीएम ने लखनऊ एसएसपी को जांच के आदेश दिए थे, लेकिन एक महीने बाद भी केस में उचित कार्रवाई नहीं होने पर वह फिर सीएम से मिलने पहुंचे थे.
कौन है अमनमणि त्रिपाठी
अमनमणि त्रिपाठी यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे और यूपी के नौतनवां विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं. अमनमणि पर अपनी पत्नी सारा की हत्या करने का आरोप है. अमनमणि और सारा 9 जुलाई, 2015 को कार से दिल्ली आ रहे थे. फिरोजाबाद जिले सिरसागंज थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे नंबर-2 पर उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया था.
साल 2013 में की थी शादी
सारा और अमनमणि त्रिपाठी ने साल 2013 में आर्य समाज मंदिर में शादी की थी. अमनमणि के पिता अमरमणि त्रिपाठी और मां मधुमणि त्रिपाठी इस शादी के खिलाफ थे. अमनमणि ने सारा की मौत को एक्सीडेंट बताया था. अमनमणि ने दावा किया कि जब वह छुट्टी मनाने के लिए दिल्ली जा रहे थे, तो उसी दौरान सारा की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई.
यूपी के नौतनवां से विधायक चुने जाने के बाद अमनमणि त्रिपाठी ने सबसे पहले योगी आदित्यनाथ से मिलने गोरखनाथ मंदिर गए थे. वहां पैर छूकर उनका आशिर्वाद लिया था. इसके बाद योगी के सीएम बनने के बाद जब वे गोरखपुर के दौरे पर गए, तो उनके मंच पर अपनी पत्नी की हत्या के आरोपी अमनमणि त्रिपाठी भी मौजूद थे.