ऋषिकेश: हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत राजनीति में अपनी पारी की शुरुआत करने से पहले हिमालय की वादियों में चिंतन करेंगे। वह 13 मार्च को ऋषिकेश पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि रजनीकांत यहां अपने आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती के आश्रम में योग करने के साथ ध्यान भी लगाएंगे। ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी आध्यात्मिक गुरु थे और दो वर्ष पूर्व स्वामी दयानंद ने शरीर त्यागा था।
बताया जा रहा है रजनीकांत कोई भी नया काम करने से पहले देवभूमि अवश्य आते हैं। ऋषिकेश के अलावा कुमाऊं के दूनागिरी क्षेत्र में स्थित गुफा में बने एक आश्रम में भी वह जाते रहे हैं। ऋषिकेश की शीशमझाड़ी स्थित दयानंद आश्रम के प्रबंधक गुणानंद रयाल ने बताया कि रजनीकांत अभी हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में हैं। इसके बाद उनका दिल्ली जाने का कार्यक्रम है और मंगलवार को वह आश्रम में पहुंचेंगे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि रजनीकांत यहां कितने दिन रहेंगे, लेकिन कहा कि कुछ दिन अवश्य बिताएंगे।
उन्होंने बताया कि इसमें कुछ नया नहीं है, रजनी पहले भी कई बार आश्रम में समय बिता चुके हैं। बताया कि सुपरस्टार निजी जीवन में बेहद धार्मिक व आध्यत्मिक प्रवृति के हैं। वह करीब 25 साल से आश्रम से जुड़े हैं और 20 साल से स्वामी दयानंद द्वारा स्थापित गंगाधरेश्वर ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं।
गौरतलब है कि दिसंबर में राजनीति में कदम रखने की घोषणा करने वाले रजनीकांत एलान कर चुके हैं कि वर्ष 2021 में तमिलनाड़ विधानसभा के चुनाव में उनकी पार्टी सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उनका जनसंपर्क देखने वाले रियाज के अहमद ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी कि रजनीकांत हिमालय की यात्रा पर निकल रहे हैं। हालांकि इसमें किसी स्थान का जिक्र नहीं किया गया था।