नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट के विस्तार के साथ कई मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि पांच मंत्रियों ने अपना इस्तीफा पीएमओ को भेज दिया है। आपको बता दें कि इसमें वे मंत्री शामिल हैं जिनका परफार्मेंस या तो ठीक नहीं हैं या उन्हें सरकार से हटाकर संगठन के कार्यों में लगाया जाएगा।
अाइए जानते हैं उन मंत्रियों के बारे में, जिन्हें दिखाया गया है बाहर का रास्ता…
मनसुख वासवा (गुजरात)
मनसुखभाई धांजीभाई वासवा का जन्म 1 जून 1957 को हुअा था। वर्तमान में मोदी सरकार में जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री थे। इन्होंने पहला उपचुनाव 1998 में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल का गढ़ के भरूच लोकसभा सीट जीते थे। इसके बाद 1999, 2004, 2009 और 2014 में लगातार पांच बार सांसद हैं। इन्होंने 1994 में गुजरात सरकार में भी मंत्री थे। वासवा गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद से सोशल वर्क में मास्टर डिग्री प्राप्त हैं।
मोहन कुंदेरिया (गुजरात)
मोहन कुंदेरिया का जन्म गुजरात में हुअा था। वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री थे। ये राजकोट से भाजपा के सांसद हैं।
निहालचंद मेघवाल (राजस्थान)
निहालचंद मेघवाल का जन्म 4 फरवरी 1971 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुअा था। वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री थे। मेघवाल 16वीं लोकसभा में राजस्थान के श्रीगंगानगर लोकसभा से सांसद हैं।
सांवरमल जाट (राजस्थान)
सांवरमल जाट का जन्म 1 जनवरी 1955 को अजमेर में हुअा था। वर्तमान में मोदी सरकार में जल संसाधन राज्य मंत्री थे। ये अजमेर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के सांसद है। राजस्थान सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। अजमेर जिले की नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं।
रामशंकर कठेरिया (उत्तर प्रदेश)
राम शंकर कठेरिया का जन्म 21 सितंबर 1964 को इटावा में हुअा था। वर्तमान में मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। 2014 के चुनावों में वे उत्तर प्रदेश की आगरा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए। इनका जन्म 21 सितंबर 1964 को इटावा में हुअा है। इन्होंने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण किया है। कठेरिया अारएसएस से जुड़े हैं। इन्होंने 13 साल तक संघ के प्रचारक के रूप में कार्य किया। राजनीति में अाने से पहले ये अागरा विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर थे। वहां पर ये दलित चेतना की शिक्षा देते थे। इन्होंने कई किताबें भी लिखें हैं।
जीएम सिद्धेश्वर (कर्नाटक)
जीएम सिद्देश्वर कर्नाटक के देवनागर लोकसभा सीट से सांसद हैं। वर्तमान में मोदी सरकार में भारी उद्योग तथा सार्वजनिक उद्यमिता राज्य मंत्री थे।