नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर पाकिस्तान से बातचीत की पैरवी की है. मुख्यमंत्री ने रविवार को कुलगाम में कहा कि बंदूकों से किसी समस्या का हल नहीं हो सकता. केवल बातचीत से ही भारत पाकिस्तान के बीच के मुद्दों को सुलझाया जा सकता है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सीमा पर हालात अच्छे नहीं हैं. दोनों देशों को बातचीत की पहल करनी चाहिए.
इससे पहले जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि हमने पाकिस्तान के खिलाफ हर जंग जीती है, लेकिन इस समय हमारे जवान और आम नागरिक मारे जा रहे हैं. ऐसे में घाटी में शांति कायम करने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत के अलावा और कोई समाधान नहीं है. हालांकि महबूबा की इस सलाह को पहले भी केंद्र सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया था. केंद्र ने कहा था कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकते. भारत पाकिस्तान के साथ कतई बात नहीं करेगा.
वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने पाकिस्तान से बातचीत के विचार को मुख्यमंत्री का निजी विचार बताया था. उन्होंने कहा था कि इस विचार से सरकार का कोई लेना देना नहीं है.कैबिनेट और विधानसभा में ऐसा कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है. सिंह ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में जो हो रहा है वह केवल आतंकवादी हमला नहीं बल्कि पाकिस्तान की ओर से थोपा गया छद्मयुद्ध भी है और ऐसे माहौल में पड़ोसी मुल्क के साथ बातचीत का कोई सवाल ही नहीं उठता है.
बातचीत के मसले पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा था कि यह विस्मयकारी है कि कुछ पढ़े लिखे नेता सुझाव दे रहे हैं कि हमें अपने एक ऐसे पड़ोसी से बातचीत करना चाहिए जो समस्या खड़ी कर रहा है और सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. हम ऐसे देशों के साथ बात नहीं कर सकते जिन्होंने हम पर अपनी बंदूकें तान रखी हैं.
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