विपक्षी दल के नेता ने दावा किया कि सरकार अपने राजस्व का 61 प्रतिशत हिस्सा आईएएस और आईपीएस सहित अन्य अधिकारियों का वेतन देने पर खर्च करती है. उनका कहना है, लोगों से रोजाना मिलना और उनकी समस्याओं को हल करने का काम सचिवों और अवर सचिवों का है.

उन्होंने कहा, यदि सचिव अपना काम करने में असफल रहते हैं तो मुख्य सचिव को उन्हें जवाबदेह ठहराते हुए निलंबित कर देना चाहिए. एमएलसी ने कहा, वर्तमान में, सरकारी अधिकारी लोगों की शिकायतों को संबंधित मंत्रियों तक पहुंचाने की जहमत नहीं उठाते हैं, और न ही लोगों तक फीडबैक पहुंचाते हैं. उन्होंने भाजपा-नीत सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए.