नई दिल्ली। किसानों की आय बढ़ाने के साथ साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बेहतरी को लेकर आम बजट में किए प्रावधान गोल्ड (सोने) के लिहाज से काफी बेहतर माने जा रहे हैं, क्योंकि ये इस क्षेत्र में सोने की बिक्री में इजाफा कर सकते हैं। बुलियन ट्रेडर्स और ज्वैलर्स का कुछ ऐसा ही मानना है।
ऑल इंडिया जीजेएफ (GJF) के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने बताया, “सरकार ने कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उत्कृष्ट सुधार किए हैं, जो कि जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान देते हैं। ये सुधार बेहतर आय के जरिए ग्रामीण उपभोक्ताओं को सशक्त बनाएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्र में आभूषण की बिक्री में मदद मिलेगी। साथ ही कॉम्प्रिहैंसिव गोल्ड पालिसी, गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज और गोल्ड डिपॉजिट अकाउंट इंडस्ट्री के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।”
आईबीजेए के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने एसेट क्लास के रूप में गोल्ड को तैयार करने की लिए एक कॉम्प्रिहैंसिव गोल्ड पालिसी और विनियमित गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना करने को सकारात्मक बताया है। कुछ ट्रेड अधिकारियों ने अनुमान लगाया था कि गोल्ड पॉलिसी के एक हिस्से के रुप में एक अलग नियामक की स्थापना की जाएगी ताकि ट्रेड एवं स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज को विनियमित किया जा सके। राज्य में स्पॉट एक्सचेंजों को स्टेट अथॉरिटी (राज्य प्राधिकरणों) की ओर से नियंत्रित किया जा सकता है, जैसे कि एग्री स्पॉट मार्केट के लिए एपीएमसी है। कुछ ने यह भी अनुमान लगाया था कि एक स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज को नियंत्रित करने के लिए सेबी को छूट मिल सकती है। आम बजट 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जिक्र किया था कि गोल्ड पर अब 3 फीसद का सरचार्ज लगाया जाएगा, जो कि अग्रीगेट कस्टम ड्यूटी पर लागू होगा।
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