दक्षिणी चीन सागर में दबदबा बढ़ेगा

आसियान के कुछ चीन से आशंकित हैं. ये देश चाहते हैं कि चीन को रोकने के लिए भारत को आगे किया जाए. दक्षिणी चीन सागर का विवाद इसके पीछे अहम वजह है. आसियान संगठन में शामिल वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रूनेई इससे सीधे सीधे जुड़े हैं. इसीलिए वे चाहते हैं कि भारत को आगे बढ़ाया जाए.

आसियान में भारत के रिश्तों के 25 साल

भारत और आसियान देशों के रिश्तों को 25 साल पूरे होने जा रहे हैं. इस साल दक्षिण-पूर्व देशों के इस ब्लॉक के गठन के 50 वर्ष, तो इस संगठन से भारत के जुड़ाव को 25 वर्ष हो गए हैं. इस अवसर पर भारत में और आसियान देशों में मौजूद दूतावासों में कार्यक्रम होंगे. इसका विषय ‘शेयर्ड वैल्यूज, शेयर्ड टारगेट (साझा मूल्य, साझा लक्ष्य)’ होगी. मोदी मन की बात में भी इस 25 साल के रिश्ते का जिक्र कर चुके हैं. इस बार का आसियान शिखर सम्मेलन 2018, भारत में आयोजित हो रहा है. राजधानी दिल्ली में दो दिन चलने वाले आसियान सम्मेलन के साथ गणतंत्र दिवस में ये मेहमान शामिल हो रहे हैं.

बता दें कि अब तक गणतंत्र दिवस पर किसी एक देश के राष्ट्राध्यक्ष या प्रतिनिधि को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाता था और सिर्फ 3 मौकों पर दो-दो देशों के राष्ट्राध्यक्षों या प्रतिनिधियों मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है. ऐसे में 10 देशों के प्रतिनिधियों का गणतंत्र दिवस पर एक साथ मुख्य अतिथि होना एक ऐतिहासिक अवसर है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश के 770 स्कूली छात्र आसियान संगठन में शामिल 10 मुल्कों की संस्कृति को दर्शाएंगे. छात्र परिधान और नृत्य के जरिए इसका प्रदर्शन करेंगे. परेड के इतिहास में भी ऐसा पहली बार होगा. जब अपने राज्यों की साथ देश दूसरे मुल्कों की संस्कृति का आनंद लेगा.