नई दिल्ली: पिछले साल अमरनाथ यात्रा के दौरान अपनी जान पर खेलकर आतंकवादी हमले में श्रद्धालुओं की जान बचाने वाले गुजरात के ड्राइवर शेख सलीम गफूर को इस गणतंत्र दिवस पर वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. उन्हें किसी आम नागरिक को मिलने वाला दूसरा सबसे बड़े वीरता पुरस्कार मिलने वाला है लेकिन इसके बाद भी गफूर के चेहरे पर खुशी नहीं है.
वह आज भी उस घटना को याद करके दुखी हो जाते हैं. वलसाड के रहने वाले सलीम का कहना है, ”मुझे यह पुरस्कार प्राप्त हो रहा है और मुझे खुश होना चाहिए लेकिन उस घटना ने मुझे दुखी किया है. मैंने कभी डरना नहीं सीखा, आतंकवादियों को मार गिराने के लिए सेना को सलाम है.”
I'm receiving the award & should've been happy but the incident makes me sad, learnt to never be scared, salute Army for taking down terrorists: Salim, driver of bus attacked by terrorists during Amarnath Yatra. He's being conferred upon 2nd highest Gallantry award for civilians pic.twitter.com/fpvPLp9IMc
— ANI (@ANI) January 24, 2018
सलीम जब 52 श्रद्धालुओं को लेकर सूरत पहुंचे थे तब खुद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी उनका स्वागत करने आए थे. उसी वक्त रूपानी ने उनका नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजने का वादा किया था. बता दें बीते साल 10 जुलाई को सलीम 60 श्रद्धालुओं को लेकर अमरनाथ यात्रा पर गए हुए थे. वापस लौटते वक्त रात 8:30 बजे बाटेंगू के पास आतंकियों ने बस पर फायरिंग शुरू कर दी. इस हमले में 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हो गए थे.
ताबड़तोड़ गोलीबारी के बीच साहस परिचय देते हुए ड्राइवर शेख सलीम ने बस चलाना जारी रखा और इस तरह उन्होंने 52 यात्रियों की जान बचा ली. अगले दिन श्रीनगर एयरपोर्ट से इन श्रद्धालुओं को एयलिफ्ट किया गया. सलीम की इस बहादुरी की कहानी ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरीं थी.