सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही पुलिस के संवेदनशील और कर्तव्यनिष्ठ होने की तमाम कवायद कर रहे हों, लेकिन गुरुवार रात उप्र पुलिस का ऐसा घिनौना चेहरा सामने आया कि मानवता ही शर्मसार हो गई। यूपी 100 पर तैनात पुलिसकर्मियों की अमानवीयता के चलते हादसे में जख्मी दो घरों के इकलौते चिराग बुझ गए।
खून से लथपथ जख्मी दोनों किशोर सड़क पर तड़पते रहे, मगर पुलिसकर्मियों ने उन्हें इसलिए अस्पताल नहीं पहुंचाया कि गाड़ी गंदी न हो जाए। बाद में एक टेंपो से किशोरों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तब तक खून के ज्यादा रिसाव से दोनों की मौत हो चुकी थी। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है। जांच कराकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लोगों ने हाथ-पैर जोड़े पर पुलिस न पिघली
सहारनपुर शहर कोतवाली अंतर्गत नुमाइश कैंप सेतिया विहार के रहने वाले अर्पित खुराना (16) पुत्र राकेश खुराना व सन्नी गुप्ता (17) पुत्र प्रवीण गुप्ता 10वीं के छात्र थे। गुरुवार रात करीब 11.40 बजे दोनों बाइक से घूमने निकले थे। इस दौरान इनकी बाइक अनियंत्रित होकर एक खंभे से जा टकराई और दोनों किशोर नाली में गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गए।
आसपास के लोगों ने इन्हें नाली से बाहर निकाला। उस दौरान पास में ही यूपी 100 गाड़ी खड़ी हुई थी। लोगों ने यूपी 100 पर तैनात पुलिसकर्मियों से घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की गुहार की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें गाड़ी में ले जाने से मना कर दिया। कारण बताया कि उनकी गाड़ी खून से गंदी हो जाएगी।
लोगों ने पुलिस वालों के हाथ-पैर जोड़े, मगर पुलिस वाले नहीं पिघले। बाद में आसपास के लोग एक टेंपो से घायलों को रात करीब साढ़े 12 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजन बिना पोस्टमार्टम के ही दोनों के शव घर ले गए। शुक्रवार को इनका अंतिम संस्कार कर दिया।