जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर अपनी एयरपोर्ट होल्डिंग कंपनी को शेयर बाजार में लिस्ट कराकर 4,000-5,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रहा है। आईपीओ से मिलनेवाली रकम से कंपनी कर्ज चुकाएगा और एक हिस्से का इस्तेमाल बिजनस बढ़ाने के लिए भी करेगा। शेयर बाजार में अभी काफी पैसा आ रहा है। वहीं, मूडीज के भारत की सॉवरन रेटिंग बढ़ाने के बाद से विदेशी निवेशकों की भी भारतीय बाजार में दिलचस्पी बढ़ गई है। इस वजह से 2018 में बेंचमार्क इंडेक्स नए शिखर पर पहुंच गए। इसलिए भारतीय कंपनियां एक के बाद एक आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं।
यह अब तक का सबसे बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर आईपीओ हो सकता है। पिछले साल मई में आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर्स लिमिटेड ने इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आईआरबी इनविट) की शेयर बाजार में लिस्टिंग से 5,033 करोड़ रुपये जुटाए थे। इससे पिछला बड़ा आईपीओ जेपी इन्फ्रा का था जो मई 2010 में आया था। जेपी ने उससे 2,260 करोड़ रुपये जुटाए थे।
दिल्ली और हैदराबाद के अलावा जीएमआर एयरपोर्ट्स फिलीपींस, गोवा और ग्रीस में ऐसेट्स हैंडल करता है। दिल्ली एयरपोर्ट पर वह साल में 5.77 करोड़ पैसेंजर्स को हैंडल करती है, जबकि हैदराबाद एयरपोर्ट पर सालाना 1.52 करोड़ यात्री आते हैं। गोवा में इंडियन नेवी का एक एयरपोर्ट है। हालांकि, जीएमआर यहां 3,000 करोड़ की लागत से नया एयरपोर्ट बनाने जा रहा है।