फिल्म ‘पद्मावती’ पर मंडराने वाले विवादों के काले बादल लगता है छंटने का नाम नहीं ले रहे। काफी विवाद के बाद दीपिका पादुकोण की इस फिल्म का नाम बदल दिया गया। जिसके बाद फिल्म को एक नई रिलीज डेट दी गई। लेकिन लगता है फिल्म में किए गए बदलाव राजपूत करणी सेना को अभी भी संतुष्ट नहीं कर पाएं हैं।
राजपूत करणी सेना अभी भी फिल्म को लेकर लगातार अपना विरोध दर्ज करा रही है। राजपूत करणी सेना का कहना है कि फिल्म मेकर्स फिल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ करके हमें सिर्फ मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि फिल्म में ‘पद्मावती’ का जो अपमान किया गया है, वो सिर्फ फिल्म का नाम बदलने से वापस नहीं होगा। इतना ही नहीं राजपूत करणी सेना दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फिल्म पर पूर्ण बैन की मांग कर रही हैं।
राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा है कि, ‘फिल्म में हमारी मां पद्मावती की बेज्जती की गई है। साथ ही साथ राजपूत मान-सम्मान को भी हानि पहुंचाने की कोशिश की गई है। हम पूछना चाहते हैं कि आखिरकार सरकार और सेंसर बोर्ड क्यों भारत के सम्मान के क्षति पहुंचाने की कोशिश में भागीदारी दे रहे हैं ? आखिरकार वो ऐसी फिल्म को रिलीज करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं जो समाज की भावनाओं को आहत कर रही है ?
राजपूत करणी सेना ने सेंसर बोर्ड की नियत पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि ‘सेंसर बोर्ड ने इतिहासकारों का नाम लेकर हमें गुमराह करने की कोशिश की है। सेंसर बोर्ड ने शुरूआत में कहा था कि रिव्यू पैनल में 9 इतिहासकार होंगे लेकिन आखिर में केवल 3 ही इतिहासकारों को जगह दी गई। इससे पता चलता है कि हमारा सेंसर बोर्ड समाज और हमारी भावनाओं की कितनी चिंता करता है?’। बता दें कि संजय लीला भंसाली की बड़े बजट की फिल्म ‘पद्मावत’ 25 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है।