जम्मू-कश्मीर के रहने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के लापता पीएचडी छात्र मनान वानी की तलाश में यूपी पुलिस ने यूनिवर्सिटी में छापेमारी शुरू की है। एसएसपी के नेतृत्व में जिला पुलिस की एक टीम हॉस्टलों में जाकर मनान वानी की तलाश कर रही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने संदेह के आधार पर मनान वानी को तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया है।
बता दें, एएमयू के पीएचडी के छात्र मनान वानी ने कथित रूप से आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन जॉइन कर लिया है। बताया जा रहा है कि एसएसपी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल हॉस्टल हबीब हॉल में छात्र के कमरे की तलाशी में जुटा हुआ है। इस बीच एएमयू के छात्र के आतंकी संगठन में शामिल होने की अटकल से विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों में हड़कंप मच गया है। एएमयू प्रशासन मनान वानी के मामले पर चुप्पी साधे हुए है। साथ ही किसी भी प्रकार की जानकारी होने से इनकार कर रहा है।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय परिसर में छात्र पर एक साल पूर्व भी इस प्रकार के गंभीर आरोप लगे थे। एएमयू के जनसम्पर्क अधिकारी उमर सलीम पीर जायदा ने बताया कि मनान वानी के हिज्बुल में शामिल होने की अटकल पर अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन को कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसी भी सुरक्षा एजेंसी ने भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है और यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। गौरतलब है कि वानी का एके-47 राइफल के साथ एक फोटो इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
कौन है मनान वानी?
जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार मुंबई मिरर को बताया कि वानी के पिता का नाम बशीर अहमद वानी है और वह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के ताकिपोरा गांव का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक वानी तीन दिन पहले ही एएमयू से कश्मीर गया था।
‘अपराधियों के लिए शरणस्थली बने एएमयू’
इससे पहले अलीगढ़ पुलिस ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर कहा था कि AMU के हॉस्टल अपराधियों के लिए शरणस्थली बन गए हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए। अलीगढ़ के एसपी (सिटी) अतुल श्रीवास्तव ने अपने पत्र में कहा है कि हथियारों की लूट मामले का बड़ा आरोपी और उसके तीन साथी विश्वविद्यालय के हॉस्टल में छिपे हुए थे।
उन्होंने कहा कि इन अपराधियों ने पुलिस की पूछताछ में हॉस्टल में छिपने की बात मानी है। मुख्य आरोपी ने माना कि वह अपने साथियों के साथ यूनिवर्सिटी के एसएस नॉर्थ हॉस्टल में छिपा था और इसमें बिहार के एक छात्र ने उनकी मदद की। एसपी का कहना है कि अपराधी इस बात का फायदा उठा रहे हैं कि पुलिस यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर नहीं घुस सकती है। ऐसे में पुलिस ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाए और बाहरी लोगों को हॉस्टल में ना आने दें।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal