अतिथि देवो भव के सिद्धांत पर चल बैंक बैलेंस मजबूत कर रहा परिवार

अतिथि देवो भव के सिद्धांत पर चल बैंक बैलेंस मजबूत कर रहा परिवार

गुजरात के एक छोटे से गांव में रहने वाली एक महिला ‘अतिथि देवो भव’ के सिद्धांत के साथ चलते हुए घर बैठे ही बैंक बैलेंस को मजबूत कर रही हैं। यह किस्सा है पाटन जिले के बकुटरा गांव की रहने वाली गौरीबेन ब्राह्मण का जिनके घर पर बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है।अतिथि देवो भव के सिद्धांत पर चल बैंक बैलेंस मजबूत कर रहा परिवार

कभी स्कूल नहीं गईं गौरीबेन मेहमानों का स्वागत पूरे जोश-खरोश के साथ करती हैं। पूरी दुनिया में खाने-रहने की सुविधा मुहैया कराने वाली Airbnb साइट में शामिल गौरीबेन के छप्पर के घर में 3 छोटे कमरे हैं। इसमें आगंतुकों की जरूरत के हिसाब से सभी सुविधाएं मौजूद हैं। 

गौरीबेन का परिवार जहां साल भर में 2 फसलों की कटाई कर 45 हजार रुपये कमाता है, वहीं उन्होंने सिर्फ दिसंबर के महीने में ही 55 हजार रुपयों की कमाई कर ली। उनकी महीने की औसत कमाई 30 हजार रुपये है। उन्होंने बताया, ‘हम विदेशी सैलानियों की पसंद के हिसाब से खाना मुहैया कराते हैं। वे ज्यादा तेल और मिर्च नहीं सह पाते हैं, ऐसे में मैंने और मेरी बहुओं ने इनका इस्तेमाल कम कर दिया है। विदेशियों को लकड़ी के चूल्हे पर बनी बाजरे की रोटी काफी पसंद आती है।’ 

गौरी ने अपनी बहन शांति को भी इस काम के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे उन्होंने भी पिछले महीने 45 हजार रुपये की कमाई की। गौरी और शांति की यह पहल सेल्फ इंप्लॉइड विमिन असोसिएशन (सेवा) की पहल का हिस्सा है, जो पाटन, सुरेंद्रनगर, मेहसाणा के करीब 50 घरों में शुरू हुई है। सेवा की हेड रीमा नानावटी ने बताया कि उनकी योजना राजस्थान, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, असम, सिक्किम, नागालैंड में भी इस तरह की शुरुआत करने की है। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com