अमेरिकी लताड़ और आर्थिक सहायता रोके जाने से घबराया पाकिस्तान अपने दोस्त चीन से उम्मीद लगाए बैठा, लेकिन अमेरिका की नई रणनीति से उसे और भी करारा झटका लग सकता है। आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करने के लिए अमेरिका अब चीन को भी अपने साथ लेने की तैयारी में है। वाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस मुद्दे पर चीन अमेरिका की कुछ चिंताओं को साझा करता है और वॉशिंगटन पेइचिंग और अन्य क्षेत्रीय शक्तियों के साथ इस्लामाबाद को इस बात के लिए तैयार करेगा कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने की जरूरत है।
ट्रंप प्रशासन अमेरिका में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने को लेकर काफी सख्त है, क्योंकि अफगानिस्तान और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए यह जरूरी है। अधिकारी ने उम्मीद जताई कि चीन पाकिस्तान को इस बात के लिए मनाने में सहायक भूमिका निभा सकता है कि आतंकियों के पनाहगाह को खत्म करना उसके अपने हित में भी है।
अधिकारी ने चीन पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर की जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच पुराना संबंध और आर्थिक रिश्ता मजबूत हो रहा है। उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन आतंकवाद की समस्या को लेकर चीन अमेरिका की कुछ चिंताओं को साझा करता है। अमेरिका दूसरी क्षेत्रीय शक्तियों के साथ काम करना चाहता है और चीन इस मुद्दे पर मुख्य होगा। यह चीन के चीत में भी नहीं कि पाकिस्तान में आतंकवादियों के अभयारण्य हो।’ वरिष्ठ अधिकारी ने नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर यह बातें कहीं।
गौरतलब है कि अमेरिका ने आतंकवादियों को संरक्षण देने की वजह से पाकिस्तान पर सख्ती बढ़ा दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद देना बंद कर दिया है। अमेरिका के ताजा रुख से पाकिस्तान भारी दबाव में है और वह यह उम्मीद लगाए बैठा है कि चीन उसके लिए मददगार बना रहेगा।
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