सऊदी अरब की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के बयान पर कोई फौरी प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि वो हमेशा से राजनीतिक बंदियों के वजूद को नकारता रहा है।
दूसरी तरफ़ सऊदी सरकार के आला अधिकारियों का कहना है कि सामाजिक स्थिरता बनाए रखने के लिए निगरानी ज़रूरी है। जानकार कहते हैं कि इन लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से अपने नागरिक और राजनीतिक अधिकारों के इस्तेमाल की वजह से हिरासत में लिया गया था।
मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच ने भी इनकी हिरासत का विरोध किया था। लेकिन ऐसा बहुत कम देखा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने सऊदी अरब की आलोचना की हो।
संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने कहा, “सऊदी सल्तनत के नए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सत्ता में आने के बाद एकतरफा और सुनियोजित तरीके से गिरफ्तारियों का सिलसिला चिंताजनक तस्वीर पेश करता है।” हालांकि इस बयान में उन दो सौ सऊदी शहज़ादों, कारोबारियों और मंत्रियों का जिक्र नहीं किया गया है, जिन्हें नवंबर में गिरफ्तार किया गया था।