3 जनवरी को बनेगा स्वर्ग का उत्तराधिकारी बनने का महा योग, मिलेंगे ढेरों लाभ

3 जनवरी को बनेगा स्वर्ग का उत्तराधिकारी बनने का महा योग, मिलेंगे ढेरों लाभ

कल बुधवार दि॰ 03.01.17 को अति पवित्र मास माघ प्रारंभ हो रहा है। माघ ज्योतिषीय पंचांग के अनुसार वर्ष का ग्यारहवां महीना है। माघ मास में कल्पवास अर्थात संगम के तट पर निवास का विधान है। पद्म पुराण में माघ माह का माहात्म्य 2800 श्लोकों में वर्णित हैं व हेमाद्रि में माघ का विस्तृत वर्णन है। शास्त्रनुसार प्रयागराज के लिए यमुना के संगम पर ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, रुद्र, आदित्य व मरूद्गण माघ मास में गमन करते हैं। प्रयाग में माघ मास में तीन बार स्नान करने से जो फल मिलता है वह फल पृथ्वी में दस हजार अश्वमेध यज्ञ करने से भी प्राप्त नहीं होता है। पुराणों में माघ मास के स्नान को नारायण की सिद्धि का सुगम मार्ग बताया है। निर्णय सिंधु के अनुसार माघ में मनुष्य को एक बार तो पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए जिससे वो स्वर्ग लोक का उत्तराधिकारी बन सके। महाभारत के अनुशासन पर्व अनुसार माघ में प्रयागराज में तीन करोड़ दस हजार तीर्थों का समागम होता है। पद्मपुराण के अनुसार माघ में श्रीहरि का पूजन कर तिल, गुड़ व ऊनी वस्त्र दान देने से, पुण्य प्राप्ति होती है, समस्त पापों से मुक्ति मिलती है, मोक्ष का मार्ग खुलता है, कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है व विवादों में जीत हासिल होती है।3 जनवरी को बनेगा स्वर्ग का उत्तराधिकारी बनने का महा योग, मिलेंगे ढेरों लाभ

पूजन विधि: किसी जल व गंगाजल भरे कांसे के कलश पर नारियल रखकर घर की उत्तर दिशा में हरा वस्त्र बिछाकर श्रीहरि की स्थापना कर विधिवत पूजन करें। कांसे के दिए में गौघृत का दीप करें, सुगंधित धूप करें, गौरोचन से तिलक करें, तुलसी व मिश्री अर्पित करें व तिल मिश्रित मीठी रोटी का भोग लगाएं। तुलसी की माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन के उपरांत भोग गाय को खिला दें। 

पूजन मुहूर्त: शाम 16:30 से शाम 17:30 तक।
पूजन मंत्र: ॐ गजेन्द्रवरदाय नमः॥

उपाय
विवादों में जीत हेतु हरे कपड़े में गुड़ बांधकर किसी कन्या को दान करें।

पापों से मुक्ति हेतु तिल से भरा कांसे का बर्तन गरीबों को दान करें।

कार्यक्षेत्र में सफलता हेतु किसी विष्णु मंदिर में कंबल चढ़ाएं। 

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