लखनऊ के सहादतगंज इलाके में स्थित एक मदरसे में छात्राओं का यौन शोषण किए जाने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. शुक्रवार की रात पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में मदरसे से 51 लड़कियों को मुक्त कराया गया. मुक्त कराई गई लड़कियों ने मदरसे के अंदर चल रहे पाप के खेल का खुलासा किया तो सभी के होश उड़ गए.
दरअसल मदरसे में रह रही छात्राओं में से एक छात्रा ने चिट्ठी लिखकर मदरसे के अंदर अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों को बयां किया है. उसने मदद की आस में यह चिट्ठी मदरसे से बाहर फेंकी थी. हालांकि ये लड़कियां इस कदर डरी हुई थीं कि उन्होंने चिट्ठी में कई जगह पर पढ़कर चिट्ठी फाड़ देने की बात कही है. लेकिन पुलिस के हाथ किसी तरह यह चिट्ठी लग गई और मदरसे में चल रहे कारनामों का काला चिट्ठा खुल गया.
छात्राओं ने मदरसा जामिया खदीजुल कुबरा के मैनेजर मोहम्मद तैयब जीया पर मदरसे की लड़कियों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. छात्राओं के अनुसार, तैयब जीया दरअसल मदरसे में लड़कियों का यौन शोषण करता था. आरोपी मैनेजर गिरफ्तार कर लिया गया है.
करवाया जाता था अश्लील डांस
मदरसे में पढ़ने वाली एक लड़की ने चिट्ठी लिखकर अपनी आपबीती बयां की है. चिट्ठी के मुताबिक, मदरसे के काजी की मदरसे में पढ़ने वाली बच्चियों पर बुरी नजर थी. सूत्रों के मुताबिक, मदरसे का काजी लड़कियों से अश्लील डांस करवाता था. अपनी करतूतें छिपाने के लिए काजी लड़कियों को डराता धमकाता भी था. इसी के चलते अब तक लड़कियां चुप थीं, लेकिन अब काजी के पाप का घड़ा फूट चुका है.
रोज किचन में लड़कियों को बुलाता था काजी
मदरसे में लड़कियों के साथ हो रहे अत्याचार का खुलासा तीन पेज की जिस चिट्ठी से हुआ, उसमें ऐसे-ऐसे खुलासे हुए हैं कि आंखें फटी रह जाएं. चिट्ठी लिखने वाली लड़की बताती है कि काजी रोज किचन में जाता है और लड़कियों को बुलाता है. चिट्ठी में वह आगे लिखती है कि एक रात काजी ने एक लड़की को किचन में बुलाया था और उसके साथ बहुत बुरा किया.
‘बहुत बदतमीज है काजी’
चिट्ठी में लड़की का दर्द पूरी तरह छलक आया है. वह साफ-साफ लिखती है कि उनके मदरसे का काजी बहुत ही बदतमीज है. लड़कियां वापस जाना चाहती हैं, लेकिन काजी ने उन्हें यहां जबरन बंधक बनाकर रखा हुआ है. मदरसे में लड़कियों का न सिर्फ यौन शोषण होता था, बल्कि उनके साथ मारपीट और दूसरी और हैवानियत भी होती थी. इसे मदरसा नहीं कैदखाना सही होगा.
पढ़कर फाड़ देना चिट्ठी
कांपते हाथों से आड़ी टेढ़ी लिखावट में दर्ज लड़कियों की आपबीती बताती है कि इस मदरसे में लड़कियां किस कदर डर-डर कर रहती थीं. चिट्ठी में कई जगहों पर यह लिखा है कि पढ़कर इसे फाड़ देना. उन्हें डर था कि चिट्ठी की सच्चाई सामने आने पर उन्हें और भी प्रताड़ित किया जा सकता है. इस मदरसे में पढ़ने वाली लड़कियों की जिंदगी नरक कर दी गई, यह चिट्ठी उसी का सबूत है.
काजी के साथ मिली हुई थी एक महिला स्टाफ
मदरसे में यौन उत्पीड़न की शिकार लड़कियों की दास्तां बयां करने वाली चिट्ठी में मदरसे में ही काम करने वाली एक महिला पर काजी के साथ सांठगांठ का भी खुलासा हुआ है. चिट्ठी में लिखा है “एक लड़की नाज है, जो इनके (काजी) ऑफिस में रहती है. उसने लड़कियों से कहा है कि जो वह कहेगी वो करना पड़ेगा. लेकिन हम ये नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ये हमारी इज्जत का सवाल है.”
जान से मारने की धमकी
ऐसा भी नहीं है कि मदरसे में लड़कियों ने कभी अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों का विरोध नहीं किया. लेकिन चिट्ठी में दर्ज उनकी पूरी कहानी पढ़ें तो पता चलता है कि उन्हें जान से मारने की धमकियां तक दी जाती थीं. चिट्ठी में साफ-साफ लिखा है ‘ये हम सबको बहुत मारता है. ये बात किसी को मत बताना. अगर वो जान जाएगा तो हम लोगों को मारेगा. ये पढ़ कर फेंक देना, प्लीज बताना नहीं फाड़ देना.’
गौरतलब है कि इस मदरसे में 125 लड़कियां पढ़ती हैं, जिनमें से 51 छात्राएं यहां मौजूद थीं, जिन्हें मुक्त करा लिया गया है. मुक्त कराई गईं अधिकतर लड़कियां नाबालिग हैं. इनमें से 9 लड़कियां बिहार की, 2 लड़कियां नेपाल की और बाकी लड़कियां उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों की हैं.
चिट्ठी मिलने के बाद लखनऊ के SP (पश्चिम) विकास चंद्र त्रिपाठी समेत कई थानों की पुलिस ने महिला पुलिस के साथ बीती रात रेड मारकर करीब 51 लड़कियों को आज़ाद करवाया. लड़कियों को नारी निकेतन भेज दिया गया है. कुछ बच्चियों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. शेष बच्चियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. कोर्ट में जब ये बच्चियां अपनी आपबीती सुनाएंगी तो पाप की इस पाठशाला और पाप का पाठ पढ़ाने वाले काजी के और काले कारनामे दुनिया के सामने आएंगे.