द‌िल्ली में सरकारी सेवा घर-घर पहुंचाने की योजना पर तकरार, जानें क्यों एलजी बैजल ने लौटाई फाइल

द‌िल्ली में सरकारी सेवा घर-घर पहुंचाने की योजना पर तकरार, जानें क्यों एलजी बैजल ने लौटाई फाइल

उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सरकारी सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने की  योजना की फाइल वापस लौटा दी है। इस पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल ने 40 सेवाओं को एक साथ शुरू की जाने वाली योजना को खारिज कर दिया है।द‌िल्ली में सरकारी सेवा घर-घर पहुंचाने की योजना पर तकरार, जानें क्यों एलजी बैजल ने लौटाई फाइल
इससे उन्हें गहरी निराशा हुई है। हालांकि, सिसोदिया का बयान आने के बाद उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से स्पष्टीकरण आया कि उन्होंने योजना पर रोक नहीं लगाई है। इसकी जगह इस पर दोबारा विचार करने का कहा गया है। योजना पर रोक लगाने से जुड़ी रिपोर्ट गुमराह करने वाली है।

दरअसल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार शाम एक के एक बाद कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा कि दिल्ली सरकार ने 40 सरकारी सेवाओं को दिल्लीवालों के घर तक पहुंचाने की योजना तैयार की थी।

एलजी ने फाइल लौटाने का द‌िया ये कारण

इससे आम लोगों को सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाने से छुट्टी मिल जाती। लेकिन उपराज्यपाल ने योजना का खारिज कर दिया है। उन्होंने योजना की फाइल यह कहते हुए वापस लौटा दी है कि सेवाओं को डिजिटलाइजेशन पर्याप्त है।

डोर स्टेप डिलवरी सिस्टम की कोई जरूरत नहीं है। सिसोदिया के मुताबिक, कई सेवाओं के डिजिटल होने के बावजूद कार्यालयों में लंबी लाइन लगी रहती है। योजना लागू हो जाने के बाद इससे निजात मिल जाती। उपराज्यपाल ने यह फैसला बगैर जमीनी हकीकत को समझे लिया। दिल्ली कैबिनेट के फैसले का खारिज करना जनहित में नहीं है।

उपमुख्यमंत्री के ट्वीट आने के बाद उपराज्यपाल कार्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया कि योजना को रोकने से जुड़ी रिपोर्ट भ्रामक हैं। उपराज्यपाल ने इस पर रोक नहीं लगाई है। जबकि कुछ सुझावों के साथ योजना पर दोबारा विचार करने को कहा है।

ये हैं एलजी के सुझाव

उपराज्यपाल ने कहा है कि कैबिनेट से मंजूर फाइल दूसरी तरह से जटिलता पैदा करेगी। इससे आम लोग दोबारा बाबुओं के चक्कर में फंसेंगे। वहीं, लेटलतीफी के साथ सुरक्षा पर भी खतरा होगा। इसकी वजह यह है कि दिन में आमतौर पर घर में महिलाएं व बुजुर्ग होते हैं। इसके अलावा कई लोग इस मसले में प्राइवेसी चाहते हैं। 

उपराज्यपाल के सुझाव
 ज्यादातर सरकारी सेवाएं आनलाइन हैं। बची सेवाओं को भी कुछ दिनों में डिजिटल प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। ऐसे में होम डिलीवरी का ज्यादा औचित्य नहीं बचता।

उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि सरकार को इसी तरह के प्रायोगिक सुझाव देते हुए दोबारा विचार करने का कहा गया है। ताकि योजना को पारदर्शी, प्रभावी व पर्यावरण फेंडली बनाया जा सके।  

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com