कार्यकारिणी के समापन भाषण में पीएम मोदी ने संगठन को जश्न, नारेबाजी में ही डूबे रहने के प्रति आगाह करते हुए पार्टी की बढ़ी ताकत का सदुपयोग करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि बीते दो सालों में केंद्र और राज्यों में पार्टी की ताकत बढ़ी है। इस पर अभिमान करने के बदले हमें यह साबित करने की जरूरत है कि इस ताकत का इस्तेमाल समाज के लिए किस प्रकार उपयोगी हो सकता है।
पीएम ने कहा कि पार्टी और सरकार के सामने मुख्य सवाल यह है कि देश कैसे मजबूत बने। जनमानस कभी नारों से संतुष्ट नहीं होता। वह तो हमेशा देश कैसे मजबूत हो इसकी चिंता करता है। इस दौरान उन्होंने पार्टी की बढ़ी ताकत को सकारात्मक ढंग से लेने की सलाह दी।
और जब बेहद भावुक हो गए पीएम
पार्टी की उपलब्धियों और खासकर विस्तार की चर्चा करते हुए पीएम मोदी अचानक बेहद भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि कभी खास इलाके और वर्ग की पार्टी मानी जाने वाली भाजपा देश के चारों हिस्सों में प्रभाव जमा चुकी है। जब इतिहास को देखता हूं तो करोड़ों लोगों के दशकों का संघर्ष, त्याग और बलिदान याद आता है जिसने पार्टी को देश की राजनीति का केंद्र बना दिया। उन्होंने कहा कि उनके जीवन का कण-कण, क्षण-क्षण और पल-पल देश और पार्टी के लिए है।
वर्तमान समय देश के लिए अवसर
इस दौरान प्रधानमंत्री ने औद्योगिक क्रांति के दौरान कई मौके गंवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि दुनिया मानती है कि ऐसे अवसर बार बार नहीं आते। मगर देश को एक बार फिर मौका मिला है। अगर हम इस युग का उपयोग कर लें तो आने वाले दशकों में हम 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने में सफल होंगे।