लिवर हमारे शरीर एक महत्वपूर्ण अंग है। ये खाए गए खाने को पचाकर रस बनाता है। इसके अलावा लिवर आंतों के कीटाणुओं को भी मारता है। कई बार कुछ गलत आदतें जैसे अधिक शराब या अधिक धूम्रपान हमारे लीवर को खराब कर देती हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि आप शराब या सिगरेट नहीं पीते तो आपको लीवर की समस्या नहीं होगी। कई बार जरूरत से ज्यादा नमक और खट्टी चीजें खाने से भी लिवर की परेशानी हो जाती है। इसलिए अगर लिवर खराब हो तो खानपान में नमक और खट्टे पदार्थों का इस्तेमाल कम कर देना चाहिए। इसके अलावा कुछ योगासन भी हैं जिनका नियमित अभ्यास करने से आपका लिवर मजबूत बनता है।
कपालभाति प्रणायाम
कपालभाति करने वाले लोग पेट और लिवर की समस्याओं से दूर रहते हैं। इसे करने के लिए पहले वज्रासन, सिद्धासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद गहरी सांस लें और सांसों को पांच से दस सेकेंड तक अंदर रखें. फिर धीरे-धीरे सांसों को नाक से छोड़ें। इस प्रणायाम को रोजाना दस से पंद्रह मिनट करने से लीवर की समस्या खत्म हो जाती है।
नौकासन
नौकासन एक ऐसा आसन है जिसमें शरीर नौका के आकार का हो जाता है। इसे करने के लिए शवासन की मुद्रा में लेट जाएं और धीरे-धीरे एड़ी और पंजे को मिलाते हुए दोनों हाथों को कमर से सटा लें। हथेली और गर्दन को जमीन पर सीधा रखें। अब दोनों पैरों के साथ-साथ गर्दन और हाथों को ऊपर उठाएं। इस प्रक्रिया में अपने शरीर का पूरा वजन अपने हिप्स पर डाल दें। करीब 30 सेकेंड तक इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धारे शवासन की अवस्था में वापस आ जाएं।
गोमुख आसन
इस आसन के लिए पहले पालथी मारकर बैठ जाएं। फिर दाहिने पैर को दाहिने तरफ मोड़कर तलवों को बांए हिप्स की तरफ ले जाएं। अब इसी तरह बाएं पैर को बांई तरफ मोड़कर तलवों को दाहिने हिप्स की तरफ ले जाएं। अब हथेलियों को पैरों पर रखकर हिप्स पर हल्का दबाव डालें और शरीर के ऊपरी हिस्से को सीधा रखें। फिर बांई कोहनी को मोड़कर हाथों को पीछे ले जाएं और सांस को खींचते हुए दाएं हाथ को ऊपर उठाएं। अब दाहिना कोहनी को मोड़कर दाएं हाथ के पीछे ले जाएं और उंगलियों को आपस में जोड़ें। अब दोनों हाथों को धी