चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपने 5 साल के दूसरे कार्यकाल में देश से संपूर्ण गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य बनाया है। चीन ने इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। चीन के अधिकारी देशभर में लगभग एक करोड़ लोगों को उनके घरों से शिफ्ट कर गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रम को पूरा करने में जुटे हुए हैं। चीन ने 2020 तक अपने देश से गरीबी को खत्म करने का टारगेट सेट किया है। इसे राष्ट्रपति शी के दूसरे कार्यकाल की सर्वाधिक महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक माना जा रहा है। गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीबों को सरकारी सब्सिडी की मदद से तैयार किए जा रहे घरों में शिफ्ट किया जाएगा।
2016 से 2020 के बीच में चीन की 22 प्रॉविंस से कुल 98.10 लाख लोगों को उनके घरों से शिफ्ट किया जाएगा। कुछ लोगों को शहरी इलाकों में बने घरों में शिफ्ट किया जाएगा तो अन्य को समृद्ध ग्रामीण इलाकों में बसाया जाएगा। चीन को उम्मीद है कि इस कदम से 2020 तक वह अपने 3 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर ले जाने में सफल हो पाएगा।
1980 के बाद से तेजी से आर्थिक विकास की मदद से चीन ने अपने मुल्क में गरीबी को तेजी से समाप्त किया है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में चीन की कम से कम 5.7 फीसदी ग्रामीण अबादी गरीबी रेखा से नीच गुजर-बसर कर रही है। चीन के कुछ पश्चिमी इलाकों में यह आंकड़ा 10 फीसदी और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच 12 फीसदी तक है।
पुनर्वास के उपायों से गरीबी दूर करने की चीन की कोशिशों का अध्ययन करने वाले मेलबर्न यूनिवर्सिटी के मार्क वांग इसका क्रेडिट शी को देते हैं। उनका मानना है कि माओ की सांस्कृतिक क्रांति के दौरान शी चिनफिंग ने 7 साल गांवों में बिताए। वांग का कहना है कि इस अनुभव ने शी चिनफिंग की राजनीतिक प्राथमिकताएं तय की हैं। वांग के मुताबिक शी जानते हैं कि चीन के किसान क्या चाहते हैं।