इन दिनों रणजी ट्रॉफी का 84वां सीजन जारी है. रणजी ट्रॉफी के इतिहास की बात करें, तो इसकी शुरुआत आज ही (4 नवंबर) 83 साल पहले 1934 में हुई थी. मजे की बात यह है कि रणजी का वह पहला मैच आज ही शुरू होकर आज ही खत्म भी हो गया था. यानी तब तीन दिन के इस रणजी मुकाबले का फैसला एक ही दिन में हो गया था.
दरअसल, 4 नवंबर 1934 को महान केएस रणजीत सिंहजी के नाम पर रणजी ट्रॉफी की शुरुआत हुई. उस दिन पहला मैच चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) के एमए चिदंबरम स्टेडियम में मद्रास और मैसूर के बीच शुरू हुआ. मद्रास ने टॉस जीतकर मैसूर (कर्नाटक) को पहले बल्लेबाजी के लिए उतारा.
मैसूर की पहली पारी 27.2 ओवरों में महज 48 रनों पर सिमट गई. जबकि मद्रास की टीम भी अपनी पहली पारी में बड़ा स्कोर नहीं बना पाई और 43 ओवरों में 130 रन पर ऑल आउट हो गई. यानी मद्रास को 82 रनों की बढ़त मिल गई. इसके बाद दूसरी पारी में मैसूर की टीम 30.3 ओवर में 59 रन पर ढेर हो गई. और मद्रास ने एक ही दिन में पारी ओर 23 रनों से वह मुकाबला जीत लिया. यानी एक दिन में 30 विकेट गिरे.
4 नवंबर एक और दिलचस्प वाकया-
घंटेभर में टूटा विजय मर्चेंट का रिकॉर्ड
1951 में आज ही इंग्लैंड के विरुद्ध दिल्ली में विजय मर्चेंट ने 154 रन बनाए. जो किसी भी भारतीय का सबसे बड़ा स्कोर था. लेकिन घंटेभर में ही उनका यह रिकॉर्ड टूट गया. विजय हजारे ने नाबाद 164 रनों की पारी खेलकर वह कीर्तिमान अपने नाम कर लिया. खास बात यह रही की सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का यह रिकॉर्ड जून 1952 तक रहा.